Gaziabad: 30 फीसदी नवजातों को नहीं मिलता मां का दूध

बच्चों को कुपोषण, डायरिया जैसी बीमारियां हो रही हैं.

Update: 2024-08-23 09:14 GMT

गाजियाबाद: राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे-पांच के मुताबिक जिले में 30 प्रतिशत नवजातों को जन्म के पहले एक घंटे में मां का पीला गाढ़ा दूध नहीं मिलता. यहीं नहीं 52 प्रतिशत बच्चों को छह महीने तक मां का दूध नहीं मिल पाता. इससे बच्चों को कुपोषण, डायरिया जैसी बीमारियां हो रही हैं.

सर्वे-पांच में उत्तर प्रदेश में एक घंटे के अन्दर स्तनपान की दर अभी मात्र 25.2 प्रतिशत है जो कि काफी कम है. छह माह तक स्तनपान की दर 41.6 फीसदी है जो कि अन्य प्रदेशों की तुलना में काफी कम है. जिले में जन्म के एक घंटे के भीतर नवजात के स्तनपान का प्रतिशत बढ़कर 70 तक पहुंच गया है, जबकि तीन साल पहले यह प्रतिशत महज 25 ही था. जन्म के छह महीने तक शिशु के स्तनपान का प्रतिशत भी 48 फीसदी है. यानी 52 प्रतिशत बच्चों को छह महीने तक मां का दूध नहीं मिल पाता, जबकि डॉक्टर सलाह देते हैं कि छह महीने तक बच्चों को मां के दूध के अलावा कुछ नहीं देना चाहिए.

विभागीय आंकड़ों पर गौर करें तो जिले में हर साल लगभग 98 हजार बच्चे जन्म लेते हैं. इनमें से अधिकांश को ना तो जन्म के तुरंत बाद मां का दूध नहीं मिल पाता है और ना ही अगले छह महीने तक.

दूध पाउडर में पोषक तत्व कम: पापुलेशन सर्विसेज इंटरनेशनल इंडिया के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर और ब्रेस्टफीडिंग प्रमोशन नेटवर्क ऑफ इंडिया (बीपीएनआई) के सदस्य मुकेश कुमार शर्मा बताते है कि दूध पाउडर में पोषक तत्वों की मात्रा न के बराबर होते हैं. यह बच्चे के पाचन तंत्र को प्रभावित करता है. कुपोषण और संक्रमण का जोखिम भी बना रहता है. स्तनपान कर रहे शिशु 24 घंटे में छह से आठ बार पेशाब कर रहा है तो समझना चाहिए कि उसे भरपूर खुराक मिल रही है. स्तनपान के बाद बच्चा कम से कम दो घंटे की नींद लेता है और वजन हर माह 500 ग्राम बढ़ता है.

अस्पतालों में हर साल 90 हजार प्रसव: जिले के सरकारी और निजी अस्पतालों में प्रतिवर्ष 90 हजार गर्भवती महिलाएं के प्रसव होते हैं. आईएमए गाजियाबाद की अध्यक्ष और वरिष्ठ स्त्रत्त्ी रोग विशेषज्ञ डॉ. वाणी पुरी रावत बताती हैं कि बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए स्तनपान बहुत ही जरूरी है. स्तनपान बच्चे में भावनात्मक लगाव पैदा करने के साथ ही सुरक्षा का बोध भी कराता है. स्तनपान से शिशुओं में 70 फीसगदी बीमारियों का खतरा कम हो जाता है. मां का पहला पीला गाढ़ा दूध बच्चों की प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि करता है और मां को स्तन कैंसर से भी बचाता है.

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