सरधना: करीब डेढ वर्ष से चल रहा सरधना गंगनहर पुल का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो गया है। अब बस अप्रोच रोड तैयार होने का इंतजार किया जा रहा है। मगर उसके लिए सेतु निगम को रास्ते में आ रहे पेड़ों का कटान कराना होगा। जिसकी शासन से अभी तक अनुमति नहीं मिल पाई है। इस कारण पिछले कुछ दिन से पुल का काम बंद पड़ा है। वन संरक्षित क्षेत्र होने के कारण चार पेड़ काटने के लिए सेतु निगम को शासन से अनुमति लेनी होगी।
जिसके लिए आवेदन तो कर दिया गया है। अब पेड़ काटने की अनुमति का इंतजार किया जा रहा है। उम्मीद है कि बहुत जल्द पुलिस का निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा। जिसके बाद लोगों को जर्जर हो चुके पुराने पुल से निजात मिल सकेगी और नए पुल का सुख भोग सकेंगे।
गंगनहर पर बने अंगे्रजों के जमाने के पुल जर्जर हालत में पहुंच चुके हैं। इसलिए लोक निर्माण विभाग व सेतु निगम द्वारा उनके स्थान पर नए पुलों का निर्माण कराया जा रहा है। सरधना में करीब छह करोड़ रुपये की लागत से पुल निर्माण हो रहा है। जुलाई 2021 में पुल का निर्माण कार्य शुरू किया गया था। तेजी से शुरू हुआ निर्माण कार्य एक साल के अंदर पूरा होने का अनुमान लगाया जा रहा था।
मगर समय के साथ साथ देरी होती जा रही है। करीब डेढ साल बीत चुका है, लेकिन पुल का निर्माण पूरा होने का नाम नहीं ले रहा है। किसी ने किसी तकनीकी कारण से पुल का काम रुक जाता है। विभाग ने पुल का निर्माण कार्य तो पूरा करा दिया है। मगर दोनों ओर अप्रोच रोड बनना बाकी है। इसके बीच में पुल के दोनों ओर कुछ पेड़ आ रहे हैं। क्योंकि गंगनहर के दोनों ओर वन संरक्षित क्षेत्र है तो यहां पेड़ काटने की अनुमति भी शासन से लेनी होगी।
'सेतु निगम ने पेड़ काटने की अनुमति लेने के लिए शासन से आवेदन भी कर रखा है। मगर अभी तक विभाग को पेड़ कटाई की अनुमति नहीं मिल पाई है। इस कारण पुलस का फाइनल काम अधर में लटक गया है। करीब एक महीने से पुल पर लगभग काम बंद है। कार्यदायी संस्था ने यहां से लेबर हटाकर सठेड़ी पुल पर भेज दी है।
क्योंकि अभी अनुमति मिलती नजर नहीं आ रही है। उम्मीद है कि जल्द पुल का निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा और लोगों को पुराने जर्जर पुल से निजात मिल सकेगी। इस संबंध में वन रैंजर सौरभ अवस्थी ने बताया कि गंगनहर पटरी के दोनों ओर वर संरक्षित क्षेत्र है। इस कारण यहां खड़े पेड़ काटने का पर्मिट भी शासन से ही मिलता है।