वाराणसी- उत्तर प्रदेश के कानपुर बैराज से लगातार छोड़े जा रहे पानी के कारण पूर्वांचल की नदियां उफान पर है। गंगा सहित सहायक नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। वाराणसी, गाजीपुर, चंदौली, प्रयागराज और मिर्जापुर में गंगा का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ जैसे हालात उत्पन्न होने लगे है। वाराणसी में गंगा का जलस्तर तेजी से चेतावनी बिंदु की ओर बढ़ रहा है, तो वहीं प्रसिद्ध घाटों पर अब लोगों को दिक्कतों का समान भी करना पड़ रहा है। वहीं रविवार को गंगा के तेज बहाव की वजह से जल पुलिस ने सुरक्षा की दृष्टि से नौका संचालन पर रोक लगा दिया है।
चेतावनी बिंदु के करीब पहुंच रहा गंगा का जलस्तर…
वाराणसी में गंगा का जलस्तर रविवार की सुबह एक सेमी प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार वाराणसी में गंगा का जलस्तर 65.29 मीटर तक पहुंच गया है। जो चेतावनी बिंदु से महज 5 मीटर की दूरी पर है। वाराणसी में चेतावनी बिंदु 70.26 मीटर है, जबकि डेंजर लेवल 71.26 और हाई फ्लड 73.90 मीटर है। वहीं केंद्रीय जल आयोग के रिपोर्ट के अनुसार वाराणसी में गंगा का जलस्तर में बढ़ोतरी की रफ्तार थोड़ी कम हुई है, लेकिन बढ़ाव जारी होने से परेशानियां बढ़ने लगी है।
चार दिनों में चार बार बदला गया, शव दाह में हो रही दिक्कत…
वाराणसी में गंगा का जलस्तर बढ़ने की वजह से बीते चार दिनों में दशाश्वमेध घाट पर होने वाली विश्व प्रसिद्ध मां गंगा की आरती स्थल को चार बार बदला जा चुका है। गंगा के आगोश में घाटों के आने के बाद अब घाट के ऊपरी हिस्से में गंगा आरती किया जा रहा है। वही हरिश्चंद्र घाट पर शवदाह के लिए आने वाले लोगों को काफी दिक्कतों का समाना करना पड़ रहा है। शवदाह स्थल गंगा में डूब जाने की वजह से अब शवदाह सड़क से लगे गंगा घाट की सीढ़ियों पर करवाया जा रहा है। वहीं शव यात्रियों को सड़क पर ही शवदाह के लिए इंतजार करना पड़ रहा है। स्थानीय लोगों के अनुसार गंगा का जलस्तर ऐसे ही बढ़ता रहा, तो आने वाले दिनों में सड़कों पर और गलियों में शवदाह करवाया जा सजाया है।