साइबर ठगों को बैंक खाते मुहैया कराने वाले गिरोह का भंडाफोड़

Update: 2024-03-21 05:56 GMT

नोएडा: सेक्टर-63 पुलिस ने साइबर ठगों को बैंक खाते मुहैया कराने वाले गिरोह का पर्दाफाश कर तीन बदमाशों को गिरफ्तार किया. आरोपी गरीबों, बेरोजगारों और मजदूरों के दस्तावेज पर खाते खुलवाकर जालसाजी करते थे. गिरोह का सरगना पुलिस की पकड़ से दूर है. उसकी तलाश की जा रही है.

एसीपी दीक्षा सिंह ने बताया कि लोकल इंटेलिजेंस एवं गोपनीय सूचना के आधार पर गिरोह के जिन सदस्यों को दबोचा गया है, उनकी पहचान सहारनपुर के खुजनवार गांव के 35 वर्षीय जावेद राव, 27 वर्षीय जावेद और मेरठ के सलापुर गांव निवासी नौबहार के रूप में हुई है. पूछताछ में तीनों ने बताया कि गिरोह के सदस्य बेरोजगार युवकों और मजदूरों से संपर्क कर उनका बैंक में खाता खुलवा देते थे. गिरोह के सदस्य खाताधारक को पहले ही 500 रुपये दे देते थे.

आरोपी खाता खुलने के बाद खाताधारकों की पासबुक, चेकबुक, एटीएम कार्ड, एटीएम पिन, इंटरनेट बैंकिंग की यूजर आईडी, पासवर्ड और खाते से लिंक सिम कार्ड अपने पास रख लेते थे. इसके बाद आरोपी इन सारे दस्तावेजों को अलग-अलग तरीके से साइबर ठगी करने वाले गिरोह के सरगना को से 12 हजार रुपये में बेच देते थे. वहां से रुपये मिलने के बाद गिरोह के सदस्य मूल खाताधारकों को तीन से पांच हजार रुपये दोबारा दे देते थे. इस प्रकार से आरोपियों को एक खाता साइबर ठगों को बेचने से पांच से सात हजार रुपये का फायदा हो जाता था. आरोपियों ने अब तक 20 लोगों के खाते बेचने की बात कबूल की है. गिरफ्त में आए आरोपियों के कब्जे से तीन चेकबुक, तीन एटीएम कार्ड, दो सिम कार्ड और 70 रुपये की नगदी समेत पूरी किट बरामद हुई है.

पुलिस का कहना है कि तीनों ने 300 से अधिक भोले-भाले लोगों के खाते खुलवाकर उसे ठग गिरोह को बेचा है. तीनों आरोपियों को यह भी पता नहीं है कि जिन खातों को वह बेच रहे थे, उनका इस्तेमाल किस प्रकार की ठगी में हो रहा है. दस्तावेजों और सिम का इस्तेमाल राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में भी होने के पहलू पर भी पुलिस मामले की जांच को आगे बढ़ा रही है.

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