प्रॉपर्टी सेल्स एंड परचेज की वेबसाइट पर फर्जी मालिक बनकर लोगों से ठगी करने वाली गैंग का पर्दाफाश
नोएडा। नोएडा थाना सेक्टर-39 पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए प्रॉपर्टी सेल्स एंड परचेज की वेबसाइट पर फर्जी मालिक या ब्रोकर बनकर लोगों से धोखाधड़ी करने वाले गैंग का पर्दाफाश करते हुए 4 शातिर ठगों को गिरफ्तार कर उनके पास से 1 एटीएम कार्ड, 7 फर्जी आधार कार्ड, 1 पासबुक व नगद 20 हजार रूपये बरामद किए है। पुलिस ने धोखाधड़ी करने वाले गैंग का पर्दाफाश करते अमितेश मिश्रा उर्फ करन मिश्रा पुत्र भाग्यनारायण मिश्रा मूल निवासी जनपद मुजफ्फरपुर, बिहार, अनिल चौहान पुत्र मदन चौहान निवासी ग्राम नगला नगली, थाना एक्सप्रेस-वे, गौतमबुद्धनगर, मृत्युंजय चौबे पुत्र स्व0 रामदुलार चौबे निवासी ग्राम विशनपुरा, थाना इमातपुर, पुष्पेन्द्र पुत्र रामवीर सिंह निवासी ग्राम औदेन मण्डल, थाना धनार, जिला मेनपुरी वर्तमान पता ग्राम सलारपुर, थाना सेक्टर-39, गौतमबुद्धनगर को सेक्टर-46 से गिरफ्तार किया गया है।
आपको बता दें कि अभियुक्तों द्वारा सेक्टर-46 नोएडा में किराए पर फ्लैट उपलब्ध कराने हेतु फ्लैट को किसी अन्य व्यक्ति के नाम से दर्शाकर, उसके नाम से फर्जी एग्रीमेंट करने व वादी मुकदमा व अन्य लोगों से किराया व ब्रोकरेज के रूपए ले लेना तथा वादी मुकदमा एंव अन्य व्यक्तियों को फ्लैट भी उपलब्ध ना कराना।
बदमाशों द्वारा प्रोपर्टी सेल परचेस सम्बन्धी वेबसाईटस जैसे 99acres.com, magicbricks.com, housing.com आदि पर फ्लैट/कमर्शियल प्रोपर्टी आदि के फर्जी मालिक बनकर उस प्रोपर्टी को रेन्ट पर देने के लिए अपना ऐड एक मोबाइल नम्बर के साथ डालते है। जब कोई कस्टमर फ्लैट/कमर्शियल प्रोपर्टी आदि को चैक करता है तो अभियुक्तों के मोबाइल नम्बर पर उन कस्टमर का मोबाइल नंबर विद नेम का मैसेज आता है। जिसके बाद अभियुक्तों मे से करण उर्फ अमितेश मिश्रा प्रोपर्टी की लोकेशन व किराया सम्बन्धी बात करता और कस्टमर से फ्लैट/कमर्शियल प्रोपर्टी को विजिट करने का समय निर्धारित करता है।
वहीं समय निर्धारित होने के बाद अभियुक्त पुष्पेन्द्र कस्टमर को फ्लैट/कमर्शियल प्रोपर्टी विजिट कराता और मौके पर ही फर्जी मालिक अभियुक्त अनिल चौहान से फोन पर बात कराता फिर कस्टमर से टोकन मनी के रूप मे अभियुक्त मृत्युन्जय चौबे के बैंक अकाउंट में 2,000 रुपये ट्रांसफर कराये जाते है। फिर दोबारा समय निर्धारित किया जाता है और अभियुक्तों द्वारा एक फर्जी एग्रीमेन्ट बनाकर कस्टमर के हस्ताक्षर कराये जाते और कस्टमर को उस एग्रीमेंट की मूल प्रति न देकर, छायाप्रति दी जाती है।
जिसके बाद कस्टमर से तीन महीन/छः महीने आदि का एडवांस ट्रांसफर करा लिया जाता और तत्पश्चात अभियुक्तों द्वारा उस अकान्ट से पैसा निकाल कर आपस मे बांट लिया जाता है। इन अभियुक्तों द्वारा सभी मोबाइल सिम व बैंक अकाउन्ट अभियुक्त मृत्युन्जय के नाम से लिये गये है जो मूलतः बिहार का रहने वाला है। अभियुक्तों द्वारा कुल 9 व्यक्तियों को अपने षडयन्त्र का शिकार बनाकर लगभग 7 लाख रुपये से अधिक की धनराशि लेने की जानकारी सामने आई है।