गाजियाबाद न्यूज़: सतर्कता ब्यूरो (विजिलेंस) का अधिकारी बनकर जालसाज ने क्रॉसिंग रिपब्लिक थानाक्षेत्र में रहने वाले नौकरीपेशा युवक से सवा 22 लाख रुपये ठग लिए. पीड़ित के मुताबिक उसके साढ़ू ने उनके दस्तावेज पर फर्जी फर्म खोलकर कर चोरी की थी.
आयकर और जीएसटी का नोटिस आया तो उन्होंने अपने बयान दर्ज करा दिए. इसके बाद आरोपी ने विभिन्न थानों में केस दर्ज होने की बात कहकर उनसे रकम ऐंठनी शुरू कर दी. फर्जीवाड़े का पता लगने पर पीड़ित ने क्रॉसिंग रिपब्लिक थाने में केस दर्ज कराया है.
सिद्धार्थ विहार निवासी बाबूराम पाल का कहना है कि वह प्राइवेट नौकरी करके अपने परिवार का पालन पोषण करते हैं. उनके साढ़ू ने उनके दस्तावेज पर पाल ट्रेडिंग कंपनी के नाम से एक फर्जी फर्म खोलकर आयकर चोरी की. आयकर विभाग दिल्ली के डिप्टी डायरेक्टर का नोटिस प्राप्त होने पर उन्हें फर्जीवाड़े का पता चला. 20 और 21 जनवरी 2022 को वह आयकर विभाग के दफ्तर गए और अपने दस्तावेज दिखाए. वहां उनसे सुबह आठ से शाम छह बजे तक पूछताछ की गई और वापस भेज दिया गया. इसके बाद उनके पास 23 जनवरी को सेक्टर-14 कौशांबी स्थित जीएसटी कार्यालय का नोटिस प्राप्त हुआ. तीन फरवरी 2022 को पेश होकर उन्होंने बयान दर्ज करा दिए. बाबूराम पाल का कहना है कि उनके भांजे विनीत ने पिलखुवा निवासी राजीव कुमार से मिलवाया. राजीव कुमार ने खुद को सतर्कता ब्यूरो दिल्ली में तैनात अधिकारी बताया. बाबूराम पाल के मुताबिक राजीव कुमार ने उनसे कहा कि वह उनकी फाइल अपने पास मंगा लेगा और केस खत्म करवा देगा. इसके बाद उसने कहा कि उसकी दिल्ली के आयकर अधिकारी और कौशांबी में बैठने वाले जीएसटी अधिकारी से बात हो गई है. दोनों को पांच-पांच लाख रुपये रिश्वत देने के नाम पर राजीव कुमार ने उनसे दस लाख रुपये और अन्य खर्चे के नाम पर 50 हजार रुपये ले लिए. इसके बाद राजीव ने फोन करके कहा कि उनके खिलाफ हापुड़ के धौलाना थाने में केस दर्ज हो गया है. वहां के एसएचओ से उसकी बात हो गई है. एसएचओ को रिश्वत देने के नाम पर राजीव ने उनसे तीन लाख रुपये ले लिए.
कई बहाने से रकम वसूली
पीड़ित के मुताबिक राजीव कुमार का फर्जीवाड़ा यहीं खत्म नहीं हुआ. इसके बाद उसने अन्य बहानों से उनसे पैसे वसूलने शुरू कर दिए. भाई की जमानत कराने के नाम पर 5.40 लाख रुपये लिए, जमानत के लिए वकील करने के नाम पर डेढ़ लाख रुपये लिए और फिर पटियाला हाउस थाना दिल्ली में केस दर्ज होने की बात कहते हुए मामला निपटाने के नाम पर 40 हजार रुपये लिए. इसके बाद राजीन ने फर्जीवाड़ा करने वाले ग्रुप को पकड़ने के लिए राजस्थान जाने की बात कहकर 1.40 लाख रुपये ले लिए.
कोई केस ही नहीं था
बाबूराम पाल का कहना है कि राजीव कुमार ने उनसे दो लाख रुपये की और मांग की और कहा कि पैसे न देने पर उन्हें जेल जाना पड़ेगा. पीड़ित के मुताबिक वह जेवर बेचकर, जानकारों से कर्ज लेकर पैसा दे चुके थे. उनके पास पैसा नहीं था, लिहाजा पिता से बताया. वह उन्हें लेकर आयकर दफ्तर और जीएसटी दफ्तर गए तो पता चला कि उनके खिलाफ कोई केस ही दर्ज नहीं है. उन्होंने आरोपी से पैसे मांगे तो उसने लौटाने से साफ इनकार दिया. इसके बाद उन्होंने पुलिस आयुक्त कार्यालय में शिकायत दी.
मोहननगर कॉलोनी पिलखुवा निवासी राजीव कुमार के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज कर आरोपी की तलाश शुरू कर दी गई है. -रवि प्रकाश सिंह, एसीपी, वेव सिटी