जमीन के अभाव में अटक गए पांच मेगा प्रोजेक्ट
अक्तूबर में होने वाली सेरेमनी में नहीं शामिल हो पाएंगे नौ उद्योग
वाराणसी: ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में एमओयू के बाद कई उद्योगों के लिए जमीन नहीं मिल रही है. इस नाते ये उद्योग अक्तूबर में होने वाले ग्राउंड ब्रेकिंग समारोह का हिस्सा नहीं बन पाएंगे. इनमें पांच मेगा प्रोजेक्ट भी शामिल हैं.
उत्तर प्रदेश औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) ने ऐसे नौ उद्योगों की सूची तैयार की है जिन्हें अब तक जमीन उपलब्ध नहीं हो सकी है. इनमें चार एमएसएमई प्रोजेक्ट हैं.
हांगकांग की एक सीमेंट कंपनी ने 2460 करोड़ रुपये से मिर्जापुर में सीमेंट निर्माण इकाई शुरू कराने के संबंध में एमओयू किया था. इसके लिए 50 एकड़ जमीन की जरूरत है, जिससे 600 लोगों को रोजगार मिलता. बनारस में 15 एकड़ में इलेक्ट्रिक मीटर व अन्य बिजली उपकरणों के निर्माण के लिए जमीन नहीं मिल रही है. 1249 करोड़ रुपये के इस प्रोजेक्ट से 750 लोगों को रोजगार मिलता. 200 करोड़ रुपये से 125 एकड़ में प्रस्तावित इंडस्ट्रियल एरिया के लिए भी जमीन नहीं मिल पा रही है. 80 एकड़ में इंडस्ट्रियल एरिया के लिए भी जमीन अभी तक नहीं खोजी जा सकी है. 50 एकड़ के हाउसिंग प्रोजेक्ट को जमीन नहीं मिल रही है. चंदौली में 11 करोड़ रुपये की लागत वाली फूड प्रॉसेसिंग यूनिट को एक एकड़ जमीन चाहिए. यूपीसीडा के क्षेत्रीय प्रबंधक आशीष नाथ ने कहा कि कुछ बड़े प्रोजेक्टों के लिए जमीन चिह्नित करने का प्रयास हो रहा है.