तापमान बढ़ने से गेहूं की फसल पर प्रतिकूल प्रभाव की आशंका

Update: 2023-02-09 13:53 GMT
सहारनपुर। उत्तर प्रदेश के अधिसंख्य इलाकों में फरवरी के महीने में तापमान में हाे रहे उतार चढ़ाव का प्रतिकूल असर गेहूं की फसल पर पड़ने की आशंका बढ़ गयी है।सहारनपुर के कृषि विज्ञान क्षेत्र के प्रभारी डा. आईके कुशवाहा ने बृहस्पतिवार को बताया कि चार फरवरी से तापमान में असामान्य बढ़ोतरी हो रही है।
यह गेहूं की अच्छी पैदावार के अनुकूल नहीं है। इस समय तापमान ज्यादा से ज्यादा 16 से 18 डिग्री सेल्सियस तक रहना चाहिए। पिछले वर्ष की इन दिनों की तुलना में तापमान पांच से छह डिग्री सेल्सियस ज्यादा रिकार्ड किया जा रहा है।
जिले में 1.12 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में गेहूं की बुआई हो रखी है।
डा. कुशवाहा ने बताया कि पिछले वर्ष फरवरी माह में तापमान गेहूं की अच्छी पैदावार के अनुकूल रहा था और इस बार जनवरी महीने में भी तापमान अनुकूल रहा। लेकिन इस वर्ष फरवरी माह में पहले दिन से ही तापमान में 5 से 6 डिग्री सेल्सियस का उछाल रहने से गेहूं की फसल पर विपरीत असर पड़ने की आशंका पैदा हो गई है। गेहूं उत्पादक किसानों के मन भी मौसम परिवर्तन से बहुत चिंता पैदा हो गई है।
सहारनपुर मंडल का किसान गन्ना, गेहूं और धान की फसल पर ही ज्यादा निर्भर करता हैं और ऐसे में यदि मौसम गेहूं की पैदावार के प्रतिकूल बना रहता है तो गेहूं का दाना आकार में छोटा रह जाएगा और उत्पादकता निश्चित रूप से कम होगी।



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