Faizabad: राज्य परियोजना कार्यालय पर यू डायस 23-24 के अंतर्गत छात्र नामांकन का डाटा अपलोड किया गया

Update: 2024-07-01 04:56 GMT

फैजाबाद: पिछले दिनों राज्य परियोजना कार्यालय पर यू डायस 23-24 के अंतर्गत छात्र नामांकन का डाटा अपलोड किया गया. जिसमें जनपद के 385 परिषदीय विद्यालय ऐसे रहे. जहां पर छात्र नामांकन 50 से कम है. कम छात्र नामांकन पर महानिदेशक स्कूल शिक्षा ने नाराजगी जाहिर करते हुए अब जबाव बीएसए से मांगा है. बीस तक रिपोर्ट बनाकर शासन को उपलब्ध करानी होगी.

जनपद में संचालित 1236 विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों पर हर साल करोड़ों रुपया विभिन्न योजनाओं पर खर्च किया जाता है. जिससे कि विद्यालयों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षा मिल सके. विद्यार्थियों को एमडीएम,डीबीटी आदि का लाभ दिया जाता है. विद्यार्थियों को पढ़ाये जाने के लिए हर माह भारी भरकम बजट वेतन के लिए दिया जाता है. समय समय पर प्रशासनिक अधिकारियों के अलावा विभागीय अधिकारियों के स्तर से निरीक्षण किया जाता है. निरीक्षण में मिलने वाली कमियों को सुधारने के लिए दिशा निर्देश विद्यालयों में तैनात शिक्षकों को दिए जाते हैं.

परिषदीय विद्यालयों में नामांकन बढ़ाये जाने के लिए स्कूल चलो अभियान चलाया जाता है. इसके बाद भी विद्यालयों में नामांकन न बढ़ने से काफी परेशानियों का सामना शिक्षकों को करना पड़ता है. यू डायस पोर्टल पर स्टूडेंट डाटा अपलोड किया जाता है. पिछले दिनों दस को 23-24 का डाटा अपलोड किया गया.

प्राइवेट स्कूलों का है मकड़जाल: जनपद में पिछले कुछ सालों में निजी स्कूलों को लगातार मान्यता दी गई. स्थिति यह हो गई है कि परिषदीय विद्यालयों के आसपास निजी स्कूल संचालित है. निजी स्कूल संचालक अपने विद्यालयों में प्रवेश के समय तरह तरह के प्रभोलन विद्यार्थियों के अभिभावकों को दिए जाते हैं. कम फीस के साथ साथ दो बच्चों पर एक बच्चे की फीस माफ सहित किताब कापी आदि का प्रभोलन अभिभावकों को दिया जाता है. ग्रीष्मकालीन अवकाश के दिनों में निजी स्कूल संचालकों के यहां तैनात शिक्षक व शिक्षिकाओं की टोलियां गांवों में घूमती है. जोकि अभिभावकों को तरह तरह के प्रभोलन देती है. इस वजह से भी परिषदीय विद्यालयों में छात्रों के नामांकन कम हैं.

शिक्षकों पर रहता है काम का बोझ: बेसिक शिक्षा विभाग के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में तैनात शिक्षक व शिक्षिकाओं पर नौनिहालों का नामांकन व उन्हें पढ़ाये जाने के अलावा और भी अतिरिक्त बोझ होता है. सुबह सबसे पहले स्कूल आकर उसकी साफ सफाई, एमडीएम की व्यवस्था के अलावा बच्चों को घरों से बुलाकर लाने की जिम्मेदारी होती है. इसके साथ ही बीएलओ कार्य, टीकाकरण, संचारी रोग अभियान के अलावा विभिन्न प्रशिक्षण की जिम्मेदारी शिक्षकों पर होती है. शासन से मांगे जाने वाली सूचनाओं को भी समय से उपलब्ध कराना होता है.

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