Faizabad: देश को दलहन और तिलहन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना ज़रूरी

दलहन-तिलहन में आत्मनिर्भरता से आगे बढ़ेगा भारत

Update: 2024-11-08 04:48 GMT

फैजाबाद: विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने के लिए हम सब को मिलकर देश को दलहन और तिलहन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना है. डेढ़ लाख करोड़ रुपये का पॉम ऑयल हर साल विदेशों से खरीद रहे हैं.

हमें यह तेल खुद अपने देश में पैदा करना होगा जिसके लिए प्रदेश सरकार 11 लाख निशुल्क मिनी किट दलहन व तिलहन के वितरित कर रही है. इनमें 4.50 लाख दलहन और 5.50 लाख तिलहन के मिनी किट उपलब्ध कराए जा रहे हैं. कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने यह आह्वान एनेक्सी सभागार में गोरखपुर, बस्ती और आजमगढ़ मण्डल की संयुक्त मंडलीय रबी उत्पादकता गोष्ठी 2024-25 में बतौर मुख्य अतिथि किया.

उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने रबी की बुआई के पूर्व ही कैबिनेट के भीतर 2025-26 के विपणन सत्र के लिए रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य की घोषणा कर दी है जिसमें सरसों का एमएसपी 300 रुपये की बढ़ोतरी के साथ 5,950 रुपये प्रति कुंतल, चने का 210 रुपये की बढ़ोतरी के साथ 5,650 रुपये प्रति कुंतल, मसूर का 275 रुपये की बढ़ोतरी के साथ 6,700 रुपये प्रति कुंतल तय किया है. गेहूं की एमएसपी भी 150 रुपये की बढ़ोतरी के साथ 2,425 रुपये प्रति कुंतल,130 रुपये की बढ़ोतरी के साथ 1,980 रुपये प्रति कुंतल तय किया है.

सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि उत्तर प्रदेश का देश के खाद्यान उत्पादन का 64 फीसदी उत्पादन हम रबी फसल में करते हैं. देश में सर्वाधिक गेहूं उत्पादन करने वाला राज्य उत्तर प्रदेश है, जहां देश के उत्पादन में हमारी हिस्सेदारी 40 फीसदी से अधिक है.

किसानों ने भी रखी समस्याएं: संगोष्ठी में संतकबीरनगर, कुशीनगर, सिद्धार्थनगर, आजमगढ़, मऊ, देवरिया, दोहरीघाट, बलिया के किसानों ने समय से बीज और खाद उपलब्ध कराने के लिए आभार जताया. उन्होंने अपनी समस्याओं से भी अवगत कराया. महराजगंज से आई ड्रोन दीदी कुंती देवी ने अपनी सफलता की कहानी बयां की.

डीएपी के एक बोरे पर 2200 अनुदान: सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि खाद की कोई कमी नहीं है. सभी मण्डलायुक्तों को निर्देशित किया कि देवरिया, कुशीनगर, महराजगंज, सिद्धार्थनगर सरीखे जिलों पर कड़ी निगरानी रखें. उन्होंने बताया कि एक बोरी डीएपी पर भारत सरकार 2200 रुपये अनुदान दे रही है.

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