फैजाबाद: फास्ट ट्रैक कोर्ट प्रथम के न्यायाधीश प्रमोद कुमार गिरि की अदालत ने तत्कालीन जिलाधिकारी बस्ती अन्द्रा वामसी से सीएम का सचिव बनकर रंगदारी मांगने के आरोपित की जमानत अर्जी खारिज कर दी है.
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि 19 जून 2024 को डीएम बस्ती के सरकारी सीयूजी पर समय लगभग चार से पांच बजे के बीच में एक मोबाइल नंबर से फोन आया. डीएम फोन व्यस्तता वश उठा नहीं सके. बाद में उन्होंने कॉल बैक किया तो फोनकर्ता ने कहा कि वह मुख्यमंत्री का सचिव है और घुमा फिराकर रंगदारी मांगने की कोशिश किया. यही नहीं उसने सीडीओ के मोबाइल पर भी फोन किया था संदेह होने पर कॉल चेक की गई तो उसकी आईडी पर भी सीएम योगी आदित्यनाथ लिखकर आ रहा था. डीएम के आशु लिपिक अमित श्रीवास्तव के तहरीर पर कोतवाली में केस दर्ज किया गया. विवेचना से आरोपित का नाम विवेक शर्मा निवासी ग्राम मणिपुरा थाना वाहा जिला आगरा के रूप में उसकी पहचान हुई और उसकी जानकारी तलाशी गई तो अलीगढ़, बलरामपुर, बादा मथुरा, कानपुर हरदोई व बस्ती जिले के वर्तमान मुकदमे को मिलाकर 17 मुकदमे उसके विरुद्ध इसी प्रकृति के दर्ज हैं. उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था. उसके अधिवक्ता की तरफ से कहा गया की रंगदारी की नहीं गई है संदेह के आधार पर रंगदारी का आरोप लगाया गया है. न्यायाधीश ने दोनों पक्ष की बहस सुनने व अभियुक्त का अपराधिक इतिहास को देखते हुए आरोपित की जमानत अर्जी खारिज कर दी है.
नौ खंड विकास अधिकारियों का कार्य क्षेत्र बदला: सीडीओ जयदेव सीएस ने नौ खंड विकास अधिकारियों के कार्यक्षेत्र में बदलाव किया है. गैर जनपद से आए योगेन्द्र राम त्रिपाठी को बस्ती सदर का बीडीओ बनाया गया है. कृष्ण कुमार सिंह को गौर, कुलदीप कुमार को कुदरहा, गणेश दत्त शुक्ल को रामनगर का चार्ज मिला है. मनरेगा सेल से संवद्ध रमेश दत्त मिश्र को कप्तानगंज भेजा गया है. कप्तानगंज के बीडीओ संदीप कुमार सिंह को दुबौलिया, कुदरहा के आलोक कुमार पंकज को बहादुरपवुर, गौर के राजेश कुमार सिंह को वहीं पर संयुक्त खंड विकास अधिकारी के पद पर तैनात किया गया है. सदर के आदित्य कुमार सिंह को सदर में ही संयुक्त खंड विकास अधिकारी बनाया गया है. डीएम से अनुमोदन के बाद किए गए ट्रांसफर बाद सीडीओ ने सभी बीडीओ को अपने कार्यस्थल पर कार्यभार संभालने का निर्देश दिया है.