यदि किसी की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आ जाए तो उसकी हालत तो वैसे ही खराब हो जाती है। उस पर यदि इलाज के लिए भेजी जाने वाली दवा एक्सपायरी हो तो मरीज का क्या हाल होगा। न्यू आगरा स्थित एक कॉलोनी में एक परिवार के पांच लोग रविवार को संक्रमित मिले थे। स्वास्थ्य विभाग ने इलाज के लिए दवाईयों की किट घर पर भेजी।
पीड़ित परिवार के मुखिया ने जब किट खोलकर दवा निकाली तो उसमें एक पर नौ महीने पहले की एक्सपायरी की तारीख लिखी थी। अन्य छह दवाइयों पर साल्ट की जानकारी वाला हिस्सा कटा हुआ था। परिवार के लोगों ने बाहर से दवाइयां मंगाकर अपना इलाज शुरू कर दिया है। कोरोना को लेकर शासन स्तर से अतिरिक्त सतर्कता बरते जाने के निर्देश हैं। उसके बाद भी स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों की लापरवाही के कारण मरीजों को परेशानी हो रही है। पीड़ित परिवार ने कहा कि वह होम आइसोलेशन में रहकर अपना इलाज करा लेंगे।
पीड़ित परिवार ने बताई आपबीति
पीड़ित परिवार के मुताबिक स्वास्थ्य विभाग की ओर से दवाओं की किट देने के लिए लगभग पांच-छह फोन आए। उन्होंने उनसे कहा कि वह एसएन मेडिकल कालेज के डाक्टरों की सलाह से अपना इलाज करा लेंगे। फिर भी स्वास्थ्य विभाग के फार्मेसिस्ट राम खिलाड़ी और देवेंद्र दवा की किट घर पर दे आए। उनके जाने के बाद जब दवा के पैकेट खोले तो एजीथ्रोमाइिसन टेवलेट पर बैच नंबर एजेडयू-525, मैन्युफैक्चरिंग 11/2019 और एक्सपायरी तिथि 10/2021 पड़ी देख चौंक गए। तत्काल सीएमओ कार्यालय फोन कर इसके बारे में बताया गया। वहां से दोनों फार्मेसिस्ट पीड़ित के घर पहुंचे और दवा वापस ले आए। इधर, पीड़ित परिवार ने एसएन मेडिकल कालेज के डाक्टर की सलाह पर बाहर से दवा मंगाकर अपना इलाज शुरू कर दिया है।