बैंक से 146 करोड़ उड़ाने वाला पूर्व प्रबंधक साथी संग गिरफ्तार

Update: 2022-10-22 09:50 GMT

लखनऊ। उप्र कोआपरेटिव बैंक लिमिटेड (यूपीसीबी) मुख्यालय के एनएडी अनुभाग में खुले जिला सहकारी बैंक के खातों के लेनदेन से अनुभाग में तैनात कार्मिकों की सीबीएसआइडी से अवैध रुप से अन्य बैंक एचडीएफसी और आईसीआईसीआई बैंक लखनऊ के खाताधारकों के खातों में आरटीजीएस के जरिए 146 करोड़ रुपये ट्रांसफर करने के मामले में साइबर क्राइम पुलिस ने पूर्व प्रबंधक समेत दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।

आरोपी सुख सागर सिंह चौहान के खाते में भेजी गई थी 74 करोड़ की रकम

आरोपी पूर्व प्रबंधक अपने दोस्त के भाई के भूमीसागर नामक फर्म के खाता समेत आठ बैंक खातों में 146 करोड़ रुपये ट्रांसफर किया था। आरोपियों से पूछताछ के बाद साइबर क्राइम और एसटीएफ की रडार पर कई अन्य लोग भी हैं। जिनकी गिरफ्तारी बहुत जल्द हो सकती है।

भूमिसागर नामक फर्म के खाते में पैसा हुआ था ट्रांसफर

साइबर क्राइम पुलिस अधीक्षक त्रिवेणी सिंह के मुताबिक आईजी साइबर क्राइम उप्र के आदेश, डीआईजी एन.कोलांची के निर्देश पर अपर पुलिस अधीक्षक सच्चिदानंद, सीओ शाहिदा नसरीन के पर्यवेक्षण और सीओ साइबर क्राइम लखनऊ अल्पना घोष के निर्देशन में साइबर क्राइम थाना लखनऊ के प्रभारी निरीक्षक अजीत कुमार यादव की अगुवाई में निरीक्षक बृजेश कुमार यादव की टीम को इतने बड़े फ्राड के मामले में गिरफ्तारी के लिए लगाया गया था।

हजरतगंज स्थित कोआपरेटिव बैंक से 146 करोड़ ट्रांसफर करने का मामला

जिसके संबध में बैंक के सहायक महाप्रबन्धक अजय कुमार त्रिपाठी ने 16 अक्टूबर को पूर्व प्रबंधक आरएस दुबे समेत कुछ अन्य लोगों के खिलाफ अवैध तरीके से 146 करोड़ रुपये ट्रांसफर करने की शिकायत की थी। जिसके बाद मामले की जांच की गई। प्राथमिक जांच में दोषी पाए जाने पर इंदिरा नगर निवासी पूर्व प्रबंधक आरएस दुबे और विरामखंड निवासी सुखसागर सिंह चौहान को गिरफ्तार कर लिया गया है।

साथ ही बताया कि इतनी बड़ी रकम को उड़ाने के लिए आरोपियों ने साइबर गिरोह से जुड़े लोगों की मदद ली या बैंक से जुड़े कर्मचारी शामिल हैं। इसकी छानबीन की जा रही है। इसके लिए सर्वर रूम से लेकर रुपए ट्रांजेक्शन में इस्तेमाल कंप्यूटर की फारेंसिक जांच भी कराई जा रही है।

वहीं साइबर क्राइम पुलिस अधीक्षक त्रिवेणी सिंह ने बताया कि बैंक का पैसा ट्रांसफर करने के लिए आरोपियों ने शनिवार का दिन चुना था। आरोपियों ने योजना बनाई थी कि शनिवार को ऐसा करने से अगले दिन रविवार होगा। जिससे लोगों को मामले की जानकारी जब तक होगी। तब तक पैसे एक खाते से दूसरे खातों में ट्रांसफर कर लेंगे। हालांकि ऐसा हुआ नहीं पहले ही मामला पकड़ में आ गया।

फर्म में पैसा आते ही दूसरे खाते में भेजने की थी तैयारी

साइबर क्राइम प्रभारी निरीक्षक अजीत कुमार यादव के मुताबिक आरएस दुबे बैंक कर्मचारियों के साथ मिलकर खाताधारकों के खातो में पैसा ट्रांसफर कराया था। जिसमें से खाताधारक सागर सोलर प्राइवेट लिमिटेड फर्म के मालिक सुखसागर सिंह चौहान और उसके भाई गंगासागर सिंह चौहान के खातों में भेजी गई थी। जो भूमिसागर नामक फर्म के नाम खाता था। आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि पैसा खाते में आने के बाद दूसरे खाते में ट्रांसफर करने की तैयारी थी कि पहले ही खाते को फ्रीज कर दिया गया।

Tags:    

Similar News

-->