रायबरेली : यूपी के रायबरेली में कक्षा 7 के स्टूडेंट ने आत्महत्या कर ली। मौके से पुलिस को छात्र का लिखा एक सुसाइड नोट मिला है। इस लेटर को जिसने भी पढ़ा या सुना, उसकी आंखें भर आईं। घटनास्थल पर पहुंचीं सीओ सिटी वंदना सिंह ने बताया कि पिता की तहरीर पर FIR दर्ज कर ली गई है। हर एंगल पर जांच की जा रही है। दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए पीड़ित परिवार को इंसाफ दिलाया जाएगा।" छात्र यश मौर्य बीते 5 साल से मां-बाप से 40 किलोमीटर दूर चाचा-चाची के पास रहकर पढ़ाई कर रहा था। गुरुवार को उसका एग्जाम था। इसमें वह नकल करते पकड़ा गया था। इस पर टीचर ने पहले उसे क्लास में ही सजा दी। फिर प्रिंसिपल के पास ले जाया गया। परिवार का आरोप है कि टीचर के टॉर्चर को वह बर्दाश्त नहीं कर सका और मौत को गले लगा लिया। वह मूल रूप से रायबरेली में बछरावां के सेहंगो गांव का रहने वाला था।
एक मौका जरूर देना चाहिए था
छात्र ने सुसाइड नोट हिंदी और इंग्लिश दोनों में लिखा है। उसने लिखा, "अंकल-आंटी मुझे माफ करना। पापा का ख्याल रखना। गलती करने के बाद किसी को एक मौका जरूर देना चाहिए। मैं अपनी गलती पर रो रहा हूं। मैं स्कूल के अपने दोस्तों के बीच बहुत शर्मिंदगी महसूस करता हूं। सब शेम-शेम बोल रहे थे। मुझसे अब और बर्दाश्त नहीं हो रहा"।
इस सुसाइड नोट को पढ़कर घरवाले ही नहीं, बल्कि आस-पड़ोस के लोग भी भावुक हो गए। जवाहर विहार कॉलोनी निवासी मृतक के चाचा का कहना है कि मामले में स्कूल के खिलाफ कार्रवाई हो और हमें न्याय मिले।
भैया बस में सिर झुकाकर बैठे थे
भाई की मौत पर स्कूल में ही पढ़ने वाली उसकी छोटी बहन ने रोते हुए बताया, "भैया स्कूल से निकलने के बाद बस में सिर झुकाकर बैठे थे। घर आने के बाद सीधे ऊपर अपने कमरे चले गए। इसके बाद पंखे से लटककर जान दे दी।"
घटना की सूचना मां-पिता को मिली, तो वो बेसुध हो गए। दोनों गांव से शहर पहुंचे। मां-पिता ने कहा, "बच्चे को भाई के घर पढ़ने के लिए भेजा। सोचा था कि बेटा पढ़-लिखकर अच्छा इंसान बनेगा। मगर, सपने में भी नहीं सोचा था कि ये दिन देखना पड़ेगा।
न्यूज़ क्रेडिट: sanmarg