सरकार-उद्यमियों के बीच सेतु और तीसरी आंख के रूप में कार्य करेंगे उद्यमी मित्र: योगी
लखनऊ। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश में निवेश करने वाले उद्यमियों और सरकारी मशीनरी के बीच 'उद्यमी मित्र' सेतु की तरह काम करेंगे। वो उनकी समस्याओं का समाधान कराने का प्रयास करेंगे। अगर स्थानीय स्तर पर समाधान नहीं होता है तो उसकी जानकारी विभाग और शासन को दी जाएगी। जिस तरह सीएम फेलोशिप से जुड़े युवा आकांक्षात्मक विकासखंडों में शासन की तीसरी आंख की तरह कार्य करते हैं, उद्यमी मित्रों को भी उसी तरह काम करना होगा। मुख्यमंत्री योगी ने शनिवार को लोकभवन में 102 उद्यमी मित्रों को नियुक्ति पत्र व 232 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि का वितरण करते हुए यह बात कही। इसके अलावा सीएम ने उद्यमियों से भी न केवल प्रदेश में और अधिक निवेश की अपील की, बल्कि अपने सीएसआर फंड से प्रदेश के युवाओं को कौशल विकास से जोड़ने के लिए भी प्रेरित किया। इस अवसर पर विभिन्न उद्यमियों ने भी प्रदेश में लॉ एंड ऑर्डर में सुधार के साथ सिंगल विंडो क्लियरेंस जैसी निवेश फ्रेंडली सुविधाओं की सराहना की और अपने अनुभव के साथ-साथ सुझाव भी प्रदान किए। वहीं, शीर्ष उद्यमी मित्रों ने भी प्रशिक्षण के अनुभव सीएम के साथ साझा किए।
सीएम योगी ने कहा कि हमारे 100 से अधिक उद्यमी मित्र यहां चयनित हुए हैं, आपने 14 दिन की ट्रेनिंग के साथ ही कुछ औद्योगिक स्थलों का भी निरीक्षण किया है। आप जीवन की नई पारी शुरू करने जा रहे हैं। अगले तीन वर्ष के अंदर आप अपने इन कार्यक्रमों के अंदर उत्तर प्रदेश में निवेश की संभावनाओं को आगे बढ़ाने में पूरी मजबूती से योगदान देंगे। प्रत्येक माह आपके कार्यों का मूल्यांकन होगा। तीन वर्ष के सफलतम कार्यकाल के बाद जो भी उद्यमी मित्र औद्योगिक विकास से जुड़े हुए या विभिन्न अथॉरिटी या शासन की किसी भी सर्विस से जुड़ने के लिए इच्छुक होगा तो एज रिलैक्सेशन के साथ ही स्पेशल वेटेज भी प्रदान किया जाएगा।
इसके अलावा सीएम ने कहा कि उत्तर प्रदेश को देश की नंबर एक अर्थव्यवस्था बनाने के साथ ही ईज ऑफ डूईंग बिजनेस के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए आपकी महत्वपूर्ण भूमिका होगी। आपको देखना होगा कि कहीं भी आप पर कोई उंगली न उठा सके। आपको लालच देने का प्रयास होगा, आपका मनोबल तोड़ने का प्रयास होगा। इन दोनों परिस्थितियों में बिना डिगे, बिना झुके, बिना बहके आपको 25 करोड़ जनता को ध्यान में रखते हुए प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी और प्रदेश को सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में स्थापित करने के लिए अपने योगदान को रेखांकित करते हुए कार्य करना होगा। वही आपके मूल्यांकन का सबसे बड़ा आधार होगा।
उन्होंने सीएम फेलोशिप में चयनित युवाओं का जिक्र करते हुए कहा कि सीएम फेलोशिप योजना के तहत चयनित विकासखंडों में जाकर उन्हें आकांक्षी विकासखंड से उभारकर सामान्य विकास की प्रक्रिया से जोड़ने वाले विकासखंड के रूप में स्थापित करने में योगदान दे रहे हैं। इसके परिणाम अच्छे और सकारात्मक रहे हैं।
उद्यमी मित्रों की योग्यता का जिक्र करते हुए सीएम ने कहा कि 1,500 लोगों ने आवेदन किया था, जिसमें 105 अभ्यर्थियों का चयन किया गया। इनमें 87 पुरुष और 18 महिलाएं हैं। इस सूची में 15 को हमने वेटिंग में भी रखा है। यहां पर जो अभ्यर्थी चुने गए हैं, वो सभी सम्मानित यूनिवर्सिटी से आए हैं। यूनिवर्सिटी ऑफ वेल्स, यूके, आईआईएम लखनऊ, आईआईएम इंदौर, बीएचयू, ट्रिपल आईआईटी प्रयागराज, एनआईटी प्रयागराज समेत शीर्ष शिक्षण संस्थानों से ग्रेजुएट, पोस्ट ग्रेजुएट अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था।
आप सबसे अपील है कि यह अवसर है आपके लिए कार्य करने का, अपने आपको साबित करने का, अपनी क्षमता को प्रदेश के हित में लगाने का। आपके द्वारा जो भी प्रयास होंगे उनके बेहतर परिणाम को अपनी आंखों से देखने का। इस बार आपने देखा होगा कि इन्वेस्टर्स समिट में हमें 35 लाख करोड़ के प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। इन्वेस्टर्स समिट कैसे होना चाहिए, उत्तर प्रदेश ने मानक तय कर दिया है।
सीएम योगी ने उद्यमियों को आश्वासन दिया कि यदि आपने प्रदेश सरकार पर विश्वास किया है तो आपके विश्वास के साथ किसी को भी विश्वासघात करने की छूट नहीं देंगे। आज के दिन कोई उद्यमी, कोई व्यापारी शिकायत नहीं कर सकता कि किसी गुंडे ने उनसे चंदे के लिए या चुनाव में सहयोग के लिए फोन किया है। उन्होंने उद्यमियों से अपील भी की कि बदले हुए उत्तर प्रदेश में अधिक से अधिक निवेश करिए और रोजगार का सृजन करिए।
अपनी सीएसआर की निधि का उपयोग उत्तर प्रदेश में ही करिए। हर इंडस्ट्री अपने साथ एक इंस्टीट्यूशन को जरूर जोड़े। आपकी आवश्यकता के अनुरूप स्किल डेवलपमेंट के कार्य से यहां के युवाओं को जोड़िए। इंस्टीट्यूशन से जुड़े लोगों को अपने यहां ट्रेनिंग दिलाएं। हमने सीएम इंटर्नशिप की स्कीम भी निकाली है। इस स्कीम के तहत यदि आप अपने यहां अनस्किल्ड मैनपावर को रखते हैं, उसकी ट्रेनिंग करवाते हैं तो आधा पैसा राज्य सरकार आपको देगी और आधा पैसा आप मानदेय के रूप में उसे देंगे।
एक निश्चित समय में वो आपके यहां कार्य करेगा और बाद में उसका कहीं और समायोजन होगा। यह एक बड़ा प्रयास होगा। उत्तर प्रदेश के अंदर अगले एक वर्ष के अंदर साढ़े 7 लाख नौजवानों को इसके साथ जोड़ने का लक्ष्य हमने तय किया है।
(आईएएनएस)