इंजीनियर युवती प्रेमी संग दिल्ली-एनसीआर में चला रही थी ड्रग्स का रैकेट

Update: 2023-03-16 12:28 GMT

नोएडा न्यूज़: रेव पार्टी में इस्तेमाल होने वाली एमडीएमए ड्रग की सप्लाई करने वाले अंतरराष्ट्रीय ड्रग्स सप्लाई रैकेट का भंडाफोड़ हुआ है. इस मामले में पुलिस ने सेक्टर-61 में इंजीनियर युवती के घर पर छापेमारी कर 289 नशीली गोलियां बरामद की, जिनकी अनुमानित कीमत 25 लाख रुपये है. पुलिस ने युवती के प्रेमी समेत तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है.

डीसीपी सेंट्रल नोएडा रामबदन सिंह के अनुसार फेज-3 कोतवाली पुलिस को की रात एचपी पेट्रोल पंप के पास नशीले पदार्थों की सप्लाई करने वाले दो युवकों की सूचना मिली. पुलिस ने घेराबंदी कर दोनों युवकों को दबोच लिया. आरोपियों की पहचान पुलकित कपूर निवासी आम्रपाली जोडिएक सेक्टर-120 और अभिषेक चौहान निवासी मामूरा के रूप में हुई.

पुलिस ने कोतवाली लाकर आरोपियों से सख्ती से पूछताछ की तो पता चला कि सेक्टर-61 निवासी इंजीनियर युवती पूजा गुप्ता अपने घर से ड्रग्स सप्लाई का रैकेट चला रही है. पुलिस के अनुसार अभिषेक चौहान आरोपी युवती का प्रेमी है. गिरोह में शामिल तीनों आरोपी रेव पार्टी में इस्तेमाल होने वाली नशीली गोलियों की दिल्ली-एनसीआर में सप्लाई करते थे. पुलिस ने तीनों आरोपियों को अदालत में पेश कर न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया.

रेव पार्टी में करते थे सप्लाई आरोपी युवती साल भर से रेव पार्टी में इस्तेमाल होने वाले एमडीएमए ड्रग की सप्लाई करती थी. उसके साथ प्रेमी अभिषेक चौहान और एक अन्य साथी पुलकित भी शामिल थे. आरोपी एक गोली को एक हजार रुपये में बेचते थे. इससे उनकी महीना भर में कई लाख रुपये की कमाई होती थी.

गिरोह का सरगना फरार

पुलिस ने बताया कि गिरोह का सरगना सुर्यांश है, जो बीएमडब्ल्यूए समेत अन्य लग्जरी वाहनों से चलता है. इसके अलावा प्रणय और दिदिप्य भी उसके साथ जुड़े हैं. ये लोग कहां के रहने वाले हैं और क्या करते हैं, पुलिस इसकी जानकारी जुटा रही है. बताया जाता है कि यही लोग पूजा तक ड्रग्स पहुंचाते थे.

गिरफ्तार युवती की मां डॉक्टर, पिता इंजीनियर

आरोपी युवती पूजा गुप्ता की मां एमबीबीएस डॉक्टर हैं और पिता गोरखपुर रेलवे में इंजीनियर हैं. पूजा ने तमिलनाडु के एक नामचीन विश्वविद्यालय से बीटेक किया है. वह सेक्टर-82 की एमएनसी कंपनी में कंसल्टेंट इंजीनियर थी. सेक्टर-61 के जिस बहुमंजिला घर में छापेमारी हुई है, वह युवती के मां के नाम पर है. उसके घर पर तीन से चार नौकर भी काम करते है. युवती को कंपनी से 40 हजार रुपये से अधिक वेतन मिलता है. वह ड्रग्स के धंधे मे कैसे आई, इसकी जांच जारी है.

एमडीएमए में सामान्य से दस गुना ज्यादा नशा

पुलिस ने दावा किया है कि ये गोलियां सामान्य से दस गुना ज्यादा नशीली होती हैं. एमडीएमए एक तरह का सिंथेटिक ड्रग है. इसके इस्तेमाल से शरीर में अचानक ऊर्जा बढ़ती है. व्यक्ति के सोचने समझने का तरीका बदल जाता है.

अफगानिस्तान और नीदरलैंड से तार जुड़े

पुलिस के अनुसार ड्रग्स नीदरलैंड और अफगानिस्तान से कूरियर के माध्यम से भारत आती थी. युवती के घर से कूरियर के लिफाफे मिले हैं. गिरोह में शामिल आरोपी सुर्यांश युवती को ड्रग्स मुहैया कराता था.

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