मेरठ न्यूज़: ऊर्जा निगम में पिछले पांच सालों से एक ही बिजलीघर व तीन साल से एक ही पटल पर जमे हुए संविदा कर्मियों को हटाए जाने का आदेश एमडी उर्जा ने 30 जून को जारी किया था, लेकिन विभाग में संविदा कर्मियों का ठेका लेने वाली कंपनी ने इस आदेश को दरकिनार करते हुए अपने चुनिंदा कर्मचारियों को की स्थानांतरित किया हैं। नगरीय विद्युत खंड के अधिशासी अभियंता ने कुल 46 संविदा कर्मियों की सूची 27 सितंबर को जारी की थी, जिनको एक ही बिजलीघर पर पांच साल से अधिक का समय हो चुका है, लेकिन ठेका लेने वाली कंपनी बेसिल (ब्राडकास्ट इंजीनियरिंग कंसलटेंट इंडिया लिमिटेड) ने इनमें से महज छह कर्मचारियों की सूची जारी की है, जन्हें दूसरे बिजलीघरों पर भेजे जाने की संस्तुति की गई हैं।
अपने चहेते संविदा कर्मियों को नहीं भेजा जा रहा दूसरी जगह: बेसिल ने जिन छह संविदा कर्मियों की सूची तैयार की है उनमें उमेश अकुशल, राकेश चन्द अकुलश, रईस हैदर अकुशल, आसिफ कुशल, हरिओम कुशल व ज्ञानेन्द्र कुशल के नाम शामिल हैं। जबकि 27 सितंबर को अधिशासी अभिंयता मनोज अग्रवाल ने जो सूची जारी की थी उनमें आठ बिजलीघरों के संविदा कर्मचारियों के नाम शामिल है जो इस प्रकार है। उपेकेन्द्र टाउन हाल देवेन्द्र पुरी के प्रदीप कुमार, उपकेन्द्र रेलवे रोड के मो. शोएब व नीरज कुमार, उपकेन्द्र पीएल शर्मा हॉस्पिटल के हरीश तोमर व सुरेश शर्मा, उपकेन्द्र टीपी नगर के आशु अश्वनी व नवीन शर्मा, उपकेन्द्र इन्द्राचौक के रहीस हैदर व राजकुमार, उपकेन्द्र तहसील के हरस्वरूप शर्मा व विष्णुदत्त शर्मा व उपकेन्द्र मोहनपुरी के योगेन्द्र कुमार व योगेश कुमार।
इन संविदा कर्मियों का स्थानांतरण करने की संस्तुति की गई है लेकिन इन्हें दूसरी जगह नहीं भेजा गया है। जिस तरह संविदा कर्मियों का ठेका लेने वाली बेसिल कंपनी अपनी मनमानी कर रही है इस बात का सबूत है कि कंपनी संविदा कर्मियों को दूसरी जगह भेजना नहीं चाहती। चर्चा है इसके पीछे विभाग के ही कुछ अधिकारियों की शह है जो नहीं चाहते कि पांच सालों से मलाईदार पटलों व बिजलीघरों पर तैनात संविदा कर्मियों को दूसरी जगह भेजा जाए।