कर्ज और मानसिक तनाव से जूझ रहे चालक ने लगाई फांसी

उसे अपने पिता की जगह महोबा डिपो में चालक पद पर नौकरी मिली थी

Update: 2024-04-10 05:47 GMT

कानपूर: साहूकारों के कर्ज और मानसिक तनाव से जूझ रहे महोबा डिपो में तैनात रोडवेज बस चालक ने अपने ही घर में फांसी लगाकर जान दे दी है. बस चालक कई माह से निलंबित भी चल रहा था. उसे अपने पिता की जगह महोबा डिपो में चालक पद पर नौकरी मिली थी. ाुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है.

गोहांड के शास्त्रत्त्ी नगर मोहल्ला निवासी 40 वर्षीय फूल सिंह महोबा में रोडवेज बस चालक पद पर कार्यरत था. की रात उसने अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है. कमरे में पहुंची उसकी पत्नी रेखा ने जब उसे फंदे पर लटके देखा तो उसके होश उड़ गए.

परिजनों के मुताबिक फूल सिंह पर तकरीबन पांच लाख रुपये का साहूकारों का कर्ज था. कई माह से वह निलंबित भी चल रहा था. कर्जा चुकाने और परिवार को माली हालत से उबारने को लेकर फूल सिंह ने अपना रिहायशी मकान बेचने की कोशिश की, लेकिन उसे ग्राहक नहीं मिला. इससे वह और भी ज्यादा हताश हो गया था. इसी तनाव के चलते उसने फांसी लगाकर जान दे दी. गोहांड चौकी इंचार्ज वीरेंद्र प्रसाद ने बताया कि शव का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए राठ भेजा गया है. मृतक फूल सिंह अपने पीछे दो पुत्र 22 वर्षीय अश्विनी, 17 वर्षीय विषम व 15 वर्षीय पुत्री साक्षी और पत्नी को बिलखता छोड़ गया है.

पिता की जगह मिली थी महोबा डिपो में नौकरी: फूल सिंह का पिता जगन्नाथ महोबा रोडवेज में कार्यरत था. कुछ साल पूर्व उसकी आकस्मिक मृत्यु हो गई थी. जिसके बाद उसे मृतकाश्रित पद पर नौकरी मिली थी.

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