गौतमबुद्धनगर के 92 प्रतिशत घरों तक पाइपलाइन के जरिए पहुंच रहा पीने का पानी

मिशन को बेहतर ढंग से अमल में लाने के मामले में गौतमबुद्धनगर की प्रदेश में आठवीं रैंक है

Update: 2024-05-01 06:28 GMT

नोएडा: जल जीवन मिशन के तहत अबतक जिले के 92 प्रतिशत घरों तक पाइपलाइन के जरिए पीने का पानी पहुंच चुका है. जल जीवन मिशन के पोर्टल पर जारी मार्च की रिपोर्ट के मुताबिक हर घर नल से जल के मिशन को बेहतर ढंग से अमल में लाने के मामले में गौतमबुद्धनगर की प्रदेश में आठवीं रैंक है.

जल जीवन मिशन के तहत जिले में स्वीकृत 85 योजनाओं में 88 नलकूप, 83 ओवरहेड टैंक और 88 पंप हाउस और 662 किलोमीटर तक पाइपलाइन बिछाकर कुल 35029 घरों तक पानी पहुंचाने का लक्ष्य मिला है. अबतक 345 घरों तक पीने का पानी पहुंच चुका है. गांवों में नलकूप और ओवरहेड टैंक निर्मित कराए जा चुके हैं. कई गांवों में इन्हें क्रियाशील भी कर दिया गया है. 600 किलोमीटर से अधिक तक पाइपलाइन बिछाने का काम पूरा हो चुका है. शेष आठ प्रतिशत घरों तक पानी पहुंचाने को लेकर जल निगम की टीम लगातार काम कर रही है. विभाग ने बताया कि कई जगहों पर टैंक के निर्माण इत्यादि में भूमि को लेकर विवाद चल रहा था, जिसे अब सुलझाया जा चुका है. जल जीवन मिशन के जल टेस्टिंग के लिए महिलाओं का प्रशिक्षण भी हो चुका है. आगामी माह तक मिशन को पूरा करने का दावा किया जा रहा है.

60 गांवों में पीने लायक नहीं पानी जिले के गांवों के लिए यह योजना इसलिए भी लाभकारी है क्योंकि यहां 60 गांवों में पानी पीने योग्य नहीं है. नोएडा, ग्रेटर नोएडा और जेवर के इन गांवों में भूगर्भ से खारा पानी आ रहा है. साथ ही इसमें टीडीएस (टोटल डिसॉल्वड सॉलिड) का स्तर 500 के पार पहुंच गया है. वहीं, जेवर के कई गांवों में टीडीएस का स्तर 20 तक पहुंच चुका है. बीते दिनों जारी हुई एक रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ था. डॉक्टरों के मुताबिक 300 से कम टीडीएस तक पानी पीने योग्य माना जाता है. हालांकि, अधिकारी 500 तक टीडीएस स्वीकार करते हैं. इससे अधिक कतई नहीं होना चाहिए.

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