दुनियां के शीर्ष दो फीसद वैज्ञानिकों में चयनित हुए डॉ मनोज USA द्वारा जारी सूची में लगातार चौथी बार
Kushinagar राजापाकड़/कुशीनगर: तुर्कपट्टी। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद(केन्द्रीय कृषि अभियांत्रकी संस्थान)के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. मनोज कुमार त्रिपाठी को खाद्य प्रसंस्करण अनुसन्धान के लिए लगातार चौथी बार विश्व के शीर्ष दो फीसद वैज्ञानिकों में चयनित किया गया। यूनाइटेड स्टेट्स आफ अमेरिका (यू.एस.ए) स्थित स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा जारी परिणाम के बाद उनके गांव सहित क्षेत्र में खुशी की लहर दौड़ गयी।
फाजिलनगर विकासखण्ड के महासोंन गांव निवासी डॉ मनोज त्रिपाठी अपनी हाईस्कूल और इंटर की परीक्षा पावानगर महाबीर इंटर कालेज फाजिलनगर से उतीर्ण कर गोरखपुर विश्वविद्यालय से स्नातक परीक्षा उतीर्ण की। 2004 में पंतनगर विश्वविद्यालय से पीएचडी करने के बाद आइसीएफएआई अंतराष्ट्रीय विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर रहे।2009 से भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद भोपाल में प्रधान वैज्ञानिक के पद पर कार्यरत डॉ त्रिपाठी दिल्ली में आयोजित जी-20 की बैठक में अपने संस्थान के वैज्ञानिक टीम के नोडल अधिकारी भी रहे। स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी खाद्य प्रसंस्करण को लेकर प्रतिवर्ष दुनिया के शीर्ष दो फीसद विज्ञानियों की सूची जारी करता है। यह सूची विश्व के सभी वैज्ञानिको के शोध कार्यो, शोध पत्रों एवं शोध कार्यो का विश्व के विकास में प्रभाव का सर्वे कराने के बाद जारी किया जाता है। डॉ मनोज ने यह उपलब्धि 2021,2022,2023 में भी प्राप्त की थी। इसमे शामिल विज्ञानियों के शोध सबसे ज्यादा उल्लिखित (साइटेड) किए गए हैं। यूएसए की स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा जारी की वैज्ञानियों की सूची को विश्व की प्रतिष्ठित वैज्ञानिक प्रकाशन एल्सीवीर द्वारा प्रकाशित किया गया है। 16 राष्ट्रीय व अंतराष्ट्रीय पुस्तक, 102 शोध पत्र लिख चुके डॉ त्रिपाठी राष्ट्रीय एकेडमी के सदस्य भी हैं। विगत माह उनके प्रोबायोटिक सोया चीज स्प्रेड पर भारत सरकार द्वारा पेटेंट भी प्रदान किया गया है। सोयाबीन,बाजरा,फल आधारित खाद्य विकास को लेकर शोध में लगे डॉ त्रिपाठी अपनी सफलता का श्रेय अपने पिता योगेंद्र त्रिपाठी,भाई दा प्रमोद त्रिपाठी,एडवोकेट विनोद त्रिपाठी तथा अपने गुरुजनों सहित समस्त शुभचिंतकों को दिया है।