गाजियाबाद जिले में कुत्तों के काटने की घटनाएं 60 प्रतिशत तक बढ़ीं
अब रोज 190 मरीज सरकारी अस्पतालों में पहुंच रहे हैं
गाजियाबाद: जिले में कुत्ते पहले से ज्यादा आक्रामक हो रहे हैं. पिछले साल के मुकाबले 60 प्रतिशत से ज्यादा कुत्ते काटने के मामले बढ़े हैं. सरकारी अस्पतालों में जहां पहले एआरवी लगवाने वाले मरीजों का आंकड़ा 100-1 तक रहता था. वहीं, अब रोज 190 से 0 तक मरीज पहुंच रहे हैं. हालांकि इनमें 10 प्रतिशत मरीज दूसरे जानवरों के काटने के भी शामिल हैं.
जिले के एमएमजी अस्पताल, संयुक्त अस्पताल, पांच सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और आठ पीएचसी पर एंटी रेबीज वैक्सीन लगाई जा रही है. सभी सरकारी अस्पतालों में सितंबर महीने से अचानक कुत्ते काटने के मामले बढ़े हैं. करीब 60 प्रतिशत मरीजों में इजाफा हुआ है. हालत यह है कि शहर के गली, मोहल्लों में कुत्ते वाहनों के पीछे दौड़ लगाते हैं. दोपहिया वाहनों पर सवार चालकों के अलावा रास्ते से जा रहे छोटे बच्चों को भी कुत्ते हमला करके घायल कर रहे हैं. इस वजह से अस्पतालों में रोजाना रेबीज वैक्सीन वाले कमरों के बाहर लोगों को लंबी लाइन देखने को मिल रही है. जिले में कुत्ते, बंदर और बिल्लियों के काटने के मामलों में 90 प्रतिशत से ज्यादा कुत्ते काटने के होते हैं. रेबीज की वैक्सीन बाजार में 500 रुपये की है. इस वजह से लोगों का रुझान सरकारी अस्पतालों की ओर ज्यादा रहता है.
पिछले कुछ महीनों में कुत्ते काटने के मामले बढ़े हैं. कुत्ते के मुंह, आंख, नाक आदि शरीर के अंग को चाटने, खरोंच और काटने से भी रेबीज हो सकता है. रेबीज जानवर की लार से भी फैल सकता है, इसलिए टीकाकरण बेहद जरूरी है. - डॉ. आरके गुप्ता, नोडल अधिकारी, एआरवी