बिना डॉक्टर की सलाह के बीपी की दवा न छोड़ें

Update: 2023-05-20 13:23 GMT

लखनऊ न्यूज़: ब्लड प्रेशर की दवा हमेशा डॉक्टर की सलाह पर लेना चाहिए. अपनी मर्जी से दवाएं नहीं छोड़नी चाहिए. इससे मरीज की जान जोखिम में पड़ सकती है. यह सलाह केजीएमयू मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ. वीरेंद्र आतम ने दी.

केजीएमयू मेडिसिन विभाग में विश्व हाइपरटेंशन दिवस पर जागरूकता कार्यक्रम हुआ. डॉ. वीरेंद्र आतम ने कहा कि जीवनशैली में सुधार लगाकर ब्लड प्रेशर से बच सकते हैं. उत्तर प्रदेश एसोसिएशन ऑफ फिजिशियंस ऑफ इंडिया के चेयरमैन डॉ. केके सावलानी ने कहा कि ब्लड प्रेशर साइलेंट किलर है. 35 वर्ष की अधिक उम्र के लोगों को साल में कम से कम एक बार ब्लड प्रेशर की जांच करानी चाहिए. ब्लड प्रेशर से स्ट्रोक, हार्ट अटैक हार्ट फैलियर, किडनी फेलियर समेत कई अन्य गंभीर बीमारियों घेर सकती हैं. ब्लड प्रेशर मापने के लिए 10 मिनट आराम की अवस्था में बैठना चाहिए. चाय-काफी का सेवन करने के बाद जांच कराने से बचना चाहिए. जांच के दौरान मरीज को बात नहीं करनी चाहिए. इंडियन सोसाइटी ऑफ हाईपरटेंशन और रिसर्च सोसायटी फॉर स्टडी ऑफ डायबिटीज इन इंडिया की ओर से चौक के डॉ. राम मनोहर लोहिया पार्क में जागरुकता कार्यक्रम हुआ. केजीएमयू फिजियोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉ. नरसिंह वर्मा ने बताया कि तेज नमक और मसालेदार भोजन से हाईब्लड प्रेशर हो सकता है. चिंता की बात यह है कि 50 से 60 फीसदी लोगों को ब्लड प्रेशर की जानकारी नहीं होती है. इसलिए साल में कम से कम एक बार ब्लड प्रेशर की जांच करानी चाहिए. बलरामपुर अस्पताल के मानसिक रोग विभाग के अध्यक्ष डॉ. देवाशीष शुक्ला बताते हैं कि तनाव ब्लड प्रेशर बांट रहा है.

कारण:

● अनुवांशिक

● धूम्रपान करना

● बढ़ती उम्र

● ज्यादा नमक या मसालेदार खाना लेना

● मोटापा या लगातार वजन बढ़ता

● शराब का अधिक करना

● मानसिक और शारीरिक तनाव

● रक्त से जुडी कोई अन्य समस्या

● हृदय से जुड़ी कोई समस्या

लक्षण:

● सिरदर्द

● सांस फूलना

● थकान या भ्रम

● छाती में दर्द

● पसीने आना

● घबराहट होना

● धुंधला नजर आना

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