गाजियाबाद न्यूज़: क्राइम ब्रांच ने एटीएम में कार्ड फंसाकर खाता खाली करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का खुलासा करते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. एक आरोपी गाजियाबाद और दूसरा गौतमबुद्धनगर का रहने वाला है. पुलिस का कहना है कि आरोपी दिल्ली-एनसीआर समेत आसपास के राज्यों में सैकड़ों वारदात कर चुके हैं. गिरोह में शामिल अन्य आरोपियों का पता लगाया जा रहा है.
एडीसीपी क्राइम सच्चिदानंद ने बताया कि पिछले कुछ समय से लोगों के कार्ड एटीएम मशीन में फंसने और फिर खाते से रकम निकलने की घटनाएं लगातार हो रही थीं. इसी क्रम में न्यू पंचवटी कॉलोनी निवासी अपर्णा सिंह 18 जून 2023 को स्विस होटल मार्केट में स्थित एटीएम से पैसे निकालने गई थीं. इसी दौरान उनके खाते से 1.40 लाख रुपये निकल गए. इस घटना के बाद गिरोह के खुलासे के लिए क्राइम ब्रांच की टीम गठित की गई थी. टीम ने थाना टीला मोड़ गाजियाबाद के फर्रुखनगर निवासी संदीप और नोएडा सेक्टर-122 निवासी गौरव को गिरफ्तार किया. गौरव मूलरूप से जिला दरभंगा बिहार के गांव बराल का रहने वाला है. एडीसीपी क्राइम ने बताया कि पकड़े गए आरोपियों ने ही अपर्णा सिंह के साथ ठगी की थी. उनके खाते से निकाली गई रकम में से साढ़े 55 हजार रुपये आरोपियों के कब्जे से बरामद हुए हैं. आरोपियों के कब्जे से दस फर्जी एटीएम कार्ड, दो चाकू, मशीन में एटीएम कार्ड चिपकाने के लिए रखी गई सात फेविक्विक मिले हैं.
बीकॉम पास है गौरव एडीसीपी क्राइम ने बताया कि संदीप इंटर पास है. पहले वह मोबाइल की दुकान करता था, लेकिन उसमें ज्यादा फायदा नहीं हो रहा था. बहन की शादी के बाद दुकान बेचकर वह जोमेटो में डिलीवरी ब्वॉय का काम करने लगा. इसमें भी कमाई न होने के कारण वह एटीएम के जरिये ठगी करने लगा. उसने यू-ट्यूब से एटीएम फ्रॉड सीखा और फिर अपने साथी गौरव, बंटी और शेखर को भी फर्जीवाड़ा सिखा दिया.
वहीं, गौरव मिश्रा ने बताया कि वह आगरा यूनिवर्सिटी से बीकॉम पास आउट है. उसे अंग्रेजी भाषा की अच्छी जानकारी है और पहले एयरटेल कंपनी में नौकरी करता था. एडीसीपी ने बताया कि आरोपी पिछले कई वर्षों में गाजियाबाद, नोएडा, राजस्थान, मध्य प्रदेश तथा अन्य राज्यों में एटीएम फ्रॉड की सैकड़ों वारदात कर चुके हैं. संदीप पर ठगी के छह समेत सात मुकदमे तथा गौरव पर ठगी के तीन समेत कुल चार मुकदमे दर्ज हैं. पुलिस के अनुसार गिरोह में शामिल अन्य आरोपियों का पता लगाया जा रहा है. उन्हें भी जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा.
ऐसे करते थे ठगी
● आरोपी फर्जी आईडी पर सिम कार्ड लेते थे. उस नंबर को एटीएम बूथ में हेल्पलाइन नंबर दर्शाकर पर्ची चिपका देते थे.
● जब भी ग्राहक पैसे निकालने आता तो एटीएम मशीन में कार्ड वाली जगह फेविक्विक लगा देते.
● ग्राहक जैसे ही कार्ड लगाता को वह मशीन में चिपक जाता. इसके बाद आरोपी पीड़ित ग्राहक के एटीएम का पिन नंबर देख लेते.
● ग्राहक को एटीएम बूथ में लिखा हेल्पलाइन नंबर मिलाने को कहते. इस नंबर पर गौरव अंग्रेजी में फर्राटेदार बात करता जो टेक्निकल टीम के कर्मचारी के आने के बाद पीड़ित को बुलाने का भरोसा दिलाता.
● ग्राहक के जाते ही आरोपी चाकू या धारदार चीज से एटीएम कार्ड को मशीन से हटा लेते और फिर पिन नंबर डालकर खाते से रकम निकाल लेते थे.
● कभी-कभार आरोपी पीड़ितों की मदद के नाम पर एटीएम कार्ड बदल लेते और फिर खाते से रकम निकाल लेते थे.
● आरोपी जिस कार का इस्तेमाल करते थे, पकड़ में आने से बचने के लिए उस पर फर्जी नंबर प्लेट लगाकर चलते थे.
● हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करने पर पीड़ित को कुछ समय बाद बुलाते और तब तक रकम निकालकर फरार हो जाते थे आरोपी