नीट आवंटन पत्र और सूची में अंतर काउंसलिंग के दौरान मचा हंगामा,डीजीएमई ने आवंटन पत्र को गलत ठहराया

Update: 2023-08-11 07:00 GMT
उत्तरप्रदेश | केजीएमयू में चल रही नीट काउंसलिंग में एक अभ्यर्थी के पास आवंटन पत्र का ऑनलाइन सूची से मिलान न होने पर अफरातफरी की स्थिति हो गई और हंगामा मचा रहा.
काउसंलिंग में मौजूद अफसर इस आवंटन पत्र को फर्जी बताने लगे वहीं अभ्यर्थी इसे सही बताने की जिद पर अड़ा रहा. इस मामले को डीजीएमई के पास भेजा गया. यहां ऑनलाइन सूची में उसके स्थान पर दूसरे अभ्यर्थी का नाम था. लिहाजा उसे चौक पुलिस के सुपुर्द कर दिया गया. चौक पुलिस ने शुरुआती पड़ताल में अभ्यर्थी को निर्दोष पाया और तकनीकी गलती बताकर फिलहाल उसे छोड़ दिया गया.
केजीएमयू में नीट काउंसलिंग टीम के सदस्य डॉ. मनीष बाजपेई ने बताया कि बलरामपुर से एक अभ्यर्थी प्रवेश लेने आया था. उसके आवंटन पत्र में 720 में 681 अंक लिखे थे. इस हिसाब से उसे केजीएमयू में जगह मिल सकती है लेकिन लेकिन चयनित सूची में उसका नाम नहीं था. इससे ही उसके पास मिले आवंटन पत्र के फर्जी होने का शक हुआ. लिहाजा काउंसलिंग टीम ने डीजीएमई से इसकी पड़ताल के लिये बुलाया था. इस अभ्यर्थी के रिकॉर्ड का मिलान सूची से कराया गया तो पता चला नीट में उसे 366 नंबर मिले थे. अभ्यर्थी से पूछताछ की गई लेकिन वह खुद को सही बताता रहा. काउंसलिंग टीम ने उसे डीजीएमई के पास भेज दिया.
छात्रों से वसूली का रेट
● शपथ पत्र के लिए 2000 रुपए
● मेडिकल फार्म के लिए 50 रुपए
● एडमिशन फार्म के 20 रुपए
● प्रिंट आउट के पांच रुपए
● फोटोकॉपी के लिए दो रुपए
बिना जाए बन रहा शपथ पत्र
आरोपी कर्मचारी कुछ छात्रों की ओर से जमा किए जाने वाले शपथ पत्र को गलत बता देता है. उसके बाद उनसे नया शपथ पत्र बनवाने का दबाव बनाता है. छात्रों का आधार आदि लेकर खुद ही शपथ पत्र बनवाता है, जिसके एवज में दो हजार रुपए ऑनलाइन खाते में वसूल करता है. छात्र कहीं जाते भी नहीं हैं. शपथ पत्र बनकर उन्हें कर्मचारी देता है.
काउंसलिंग के दौरान एक अभ्यर्थी आवंटन पत्र में अधिक नम्बर के साथ पकड़ा गया. जबकि पड़ताल में उसके नम्बर कम थे. अभ्यर्थी के आवंटन पत्र सही बताने पर इस मामले को डीजीएमई के पास भेज दिया गया है.
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