Deoband: केंद्र सरकार अन्नदाता किसानों की भारी अनदेखी कर रही है: भगत सिंह वर्मा

Update: 2024-10-23 07:48 GMT

देवबंद: ग्राम बन्हेडा खास में एक बैठक को संबोधित करते हुए भारतीय किसान यूनियन वर्मा व पश्चिम प्रदेश मुक्ति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भगत सिंह वर्मा ने कहा कि भाजपा की प्रदेश और केंद्र सरकार लगातार अन्नदाता किसानों की घोर उपेक्षा कर रही हैं। जिसके कारण किसानों पर लगातार कर्ज का बोझ बढ़ता जा रहा है। किसानों को उनकी फसलों का लाभकारी मूल्य तो दूर लागत मूल्य भी सरकार नहीं दिला पा रही है। देश का अन्नदाता किसान एक-एक रुपए को मोहताज है। चीनी मिलें लागत मूल्य से भी कम ₹370 रुपए कुंतल समय से गन्ना किसानों को भुगतान नहीं कर रही हैं।

माननीय हाई कोर्ट व माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद भी देरी से किए गए गन्ना भुगतान पर लगा ब्याज चीनी मिल गन्ना किसानों को नहीं कर रही है। जिसके लिए प्रदेश व केंद्र की सरकार सीधे-सीधे जिम्मेदार है। भगत सिंह वर्मा ने कहा कि इस वर्ष गन्ने की उत्पादन लागत 550 रुपए कुंतल है इसलिए प्रदेश की योगी सरकार गन्ने का लाभकारी मूल्य कम से कम ₹ 700 कुंतल तत्काल घोषित करें। एक वर्ष तक गन्ना उत्पादन करने वाले गन्ना किसान को उसकी लागत मूल्य भी नहीं मिलना शर्म की बात है।

भगत सिंह वर्मा ने कहा कि महान कृषि वैज्ञानिक हरित क्रांति के जनक डॉक्टर एम एस स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के अनुसार गन्ने का लाभकारी मूल्य ₹ 825 कुंतल होना चाहिए। प्रदेश के गन्ना किसानों की मेहनत के बल पर उत्तर प्रदेश की सरकार प्रतिवर्ष एक्साइज ड्यूटी के रूप में 50 हजार करोड रुपए राजस्व वसूल रही है। इसके अलावा गन्ना चीनी बगास शिरा अल्कोहल आदि से हजारों उत्पाद बनते हैं ।जिससे उत्तर प्रदेश सरकार को प्रतिवर्ष एक लाख करोड रुपए से अधिक जीएसटी व टैक्स प्राप्त होता है। इसके बावजूद भी प्रदेश के गन्ना किसानों को मुख्यमंत्री योगी सरकार द्वारा गन्ने का लाभकारी मूल्य ₹ 700 कुंतल न दिलाना प्रदेश की गन्ना किसानों का घोर अपमान है। जिसे किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

भगत सिंह वर्मा ने कहा कि अन्नदाता किसानों के सभी कर्ज समाप्त कराने, किसानों को उनकी फसलों का लाभकारी मूल्य दिलाने, गन्ने का लाभकारी मूल्य ₹700 कुंतल कराने, चीनी मिलों द्वारा तत्काल गन्ना भुगतान व ब्याज दिलाने, ढुलाई किराया बंद कराने, कृषि यंत्रों खाद बीज दवा से जीएसटी समाप्त करने, किसानों को कृषि कार्य हेतु नि:शुल्क बिजली दिलाने, स्मार्ट मीटर के नाम पर किसानों, मजदूरों व गरीबों का शोषण रोकने, एम एस पी को गारंटी कानून बनाने, 58 वर्ष से अधिक उम्र के किसान, मजदूर, गरीब सभी को ₹10000 प्रति माह वृद्धावस्था पेंशन दिलाने, आवारा वह छुट्टा पशुओं से किसानों की फसल को बचाने, पृथक पश्चिम प्रदेश का निर्माण कराने जैसी समस्याओं को लेकर 28 अक्टूबर 2024 दिन सोमवार को तल्हेड़ी बुजुर्ग बस स्टैंड से सहारनपुर कमिश्नर कार्यालय पर जुलूस प्रदर्शन करते हुए महापंचायत की जाएगी।

अपने हकों के लिए किसान, मजदूर, गरीब, व्यापारी, दुकानदार, बुद्धिजीवी, पत्रकार सभी भारी संख्या में 28 अक्टूबर को कमिश्नर कार्यालय सहारनपुर पहुंचे। बैठक की अध्यक्षता राव अफजल प्रधान ने की और संचालन भारतीय किसान यूनियन वर्मा के प्रदेश सचिव ऋषिपाल प्रधान गुर्जर ने किया। बैठक में जिला उपाध्यक्ष मांगेराम यादव, जिला उपाध्यक्ष वसीम जहीरपुर, जिला मंत्री महबूब हसन, हाजी बुद्धू हसन, राव मुस्तकीम, राव अनवर राव, फारूक राव, तनवीर राव, शाहिद अहमद, राव मुरसलीन, हाजी आबिद, हाजी साजिद, हाजी सुलेमान, राव खलील, राव दिलशाद आदि ने भाग लिया।

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