मथुरा: कॉल स्पूफिंग कर दरोगा हरिओम पटेल के नम्बर से एसपी सिद्धार्थनगर को कॉल कर गलत लहजे में बात की गई. जिसके बाद एसपी के पीआरओ ने दरोगा को फोन मिला कर कॉल करने पर एतराज जताया. पीआरओ की बात सुन कर दरोगा भी हैरान रह गए.
उन्होंने कॉल नहीं मिलाने की बात कही. इस बीच दरोगा को पता चला कि उनके मोबाइल नम्बर का इस्तेमाल कर बाराबंकी के एक मजदूर से रुपये भी मांगे गए थे. दरोगा ने गाजीपुर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया है. 15 दिन के अंदर शहर में कॉल स्पूफिंग की यह दूसरी घटना है.
दरोगा के नम्बर का हुआ इस्तेमाल कानपुर देहात निवासी हरिओम पटेल गाजीपुर कोतवाली में तैनात है. 22 को एसपी सिद्धार्थनगर के पीआरओ ने उन्हें कॉल की थी. जिन्होंने बताया कि हरिओम के नम्बर से फोन कर अनैतिक कार्य करने के लिए कहा गया. यह बात सुन दरोगा सन्न रह गए.
अधिकारी से माफी मांगते हुए कॉल नहीं करने की बात कही. इसके बाद हरिओम ने अपनी कॉल हिस्ट्री खंगाली. इसमें बताए गए नम्बर का कॉल रिकार्ड नहीं मिला. हरिओम के मुताबिक संभवत साइबर ठगों ने उनके नम्बर का इस्तेमाल कॉल स्पूफिंग तकनीक का इस्तेमाल किया है. ऐसे में दरोगा की तहरीर पर गाजीपुर कोतवाली में आईटी एक्ट की धारा में मुकदमा दर्ज किया गया है.
सावधान! इस तरह से करें बचाव यूपी पुलिस के साइबर एक्सपर्ट राहुल मिश्र ने बताया कि कॉल स्पूफिंग को ट्रैक किया जा सकता है. अपराधी अधिकतर प्रभावशाली लोगों के नम्बर को स्पूफ करते हैं. ऐसी कॉल आने और अनैतिक मांग किए जाने पर फोन काट देना चाहिए. सच्चाई जानने के लिए कॉलर आईडी पर आने वाले नम्बर पर दोबारा से फोन करना चाहिए. ऐसे में कॉल सही व्यक्ति के पास पहुंचती है. जिससे बात कर कॉल करने के संबंध में जानकारी की जा सकती है. साइबर विशेषज्ञ के मुताबिक इंटरनेट पर कई वेबसाइट हैं. इसके साथ ही एंड्रायड और आईओएस प्लेटफार्म पर एप भी हैं. जिनका इस्तेमाल साइबर ठग करते हैं. इण्डियन टेलीग्राफ एक्ट में कॉल स्पूफिंग करने पर तीन साल की जेल और जुर्माने का प्रावधान है.