ताऊ, ताई और दो चचेरे भाइयों की हत्या के मामले में दोषी को फांसी की सजा

अभियुक्त पर 80 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया गया

Update: 2024-03-23 05:12 GMT

गाजियाबाद: लोनी के टोली मोहल्ला में पौने चार साल पहले ताऊ, ताई और दो चचेरे भाइयों की हत्या करने के दोषी अयूब को अदालत ने फांसी की सजा सुनाई. अभियुक्त पर 80 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया गया. कारोबार के लिए दस लाख रुपये उधार न देने पर नरसंहार को घर में ही अंजाम दिया था.

सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता आदेश त्यागी ने बताया कि लोनी थाना क्षेत्र के टोली मोहल्ले में रहने वाला रईसुद्दीन कपड़े का कारोबारी था. उसके छोटे भाई का बेटा अयूब रईसुद्दीन से कबाड़ का काम करने के लिए दस लाख रुपये उधार मांग रहा था. रईसुदीन ने उधार देने से मना कर दिया था. इस बात को लेकर अयूब रईसुदुद्दीन और उसके परिवार से रंजिश मानने लगा था. इसके बाद अयूब ने रईसुदीन और उसके परिवार की हत्या करने की योजना बनाई. 28 जून 2021 को अयूब अपने ताऊ रईसुदीन के घर पहुंचा और सुबह दिल्ली जाने के बहाने से रात में वही रुक गया. इसके बाद आधी रात के बाद अयूब ने अपने ताऊ रईसुद्दीन उसकी पत्नी फातिमा बेटे अज्जू उर्फ अजहरुद्दीन और इमरान की गोली मारकर हत्या कर दी. अज्जू की पत्नी अफसाना पर गोली चलाने की कोशिश की लेकिन पिस्टल में गोली फंस गई. जिस कारण वह बच गईं. बाहर से लोगों के शोर मचाने पर वह अफसाना को धमकी देकर घटनास्थल से फरार हो गया.

उसने इस मामले में दबाव बनाकर चचेरे भाई अलीमुद्दीन से 29 जून 2021 को लूट और हत्या की रिपोर्ट दर्ज करवा दी. पुलिस ने जांच को यह मामला लूट का नहीं हत्या का निकला. सीसीटीवी कैमरे में वह घर में आते व जाते हुए कैद हुआ. इतना ही नहीं उसी शर्ट भी मौके पर मिली. इसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेजा दिया.

सबूत और गवाहों के बयान पर फैसला सुनाया: पुलिस ने 27 सितंबर 2021 को कोर्ट में अयूब के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया. मामले की अंतिम सुनवाई सात को एडीजे-3 अदालत के न्यायाधीश पवन कुमार शर्मा की कोर्ट में चली. अदालत ने पर सबूत और गवाहों के बयान के आधार पर अयूब को इस हत्याकांड को अंजाम देने का दोषी करार दिया. सजा के प्रश्न पर सुनवाई करते हुए अदालत ने अयूब को फांसी की सजा सुनाई .

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