मेरठ: शहर के डेयरी संचालकों को न्याय तो मिला नहीं, ऊपर से नगर निगम ने जुर्माना लगाना शुरू कर दिया है। कैटल कॉलोनी विकसित करके देने का वादा तो नगर निगम और मेरठ विकास प्राधिकरण लंबे समय से डेयरी संचालकों को किया जा रहा है, लेकिन डेयरी संचालकों जुर्माना लगाया जा रहा है। नगर निगम ने माधवपुरम में स्थित 10 अवैध डेरी स्वामियों के ऊपर 50 लाख का जुर्माना लगा दिया है।
डेरी संचालकों पर आरोप लगाया है कि डेरी से निकलने वाले गोबर से नाले चोक हो रहे हैं तथा सड़क पर गंदगी डाली जा रही है। पशुओं का गोबर नालियों में बहया जाता है, जिसके चलते नाली चौक हो रही है। माधवपुरम क्षेत्र में जलभराव की स्थिति पैदा हो गई है। इसी को लेकर जनता के स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ रहे हैं। नगर निगम अधिकारियों ने अब इन 10 अवैध डेयरी संचालकों पर 50लाख का जुर्माना लगा दिया है।
महत्वपूर्ण बात यह है कि मेरठ विकास प्राधिकरण और नगर निगम ने कैटल कॉलोनी विकसित करने का डेयरी संचालकों से वादा किया था, लेकिन 5 साल बाद भी कैटल कॉलोनी विकसित नहीं हो पाई। कैटल कॉलोनी के मुद्दे को लेकर समाजसेवी लोकेश खुराना हाईकोर्ट में गए हुए हैं। हाईकोर्ट ने शासन को भी आदेश दिए, जिसके बाद कैटल कॉलोनी की प्लानिंग अब चालू की है।
डेयरी संचालकों को न्याय मिलने की बजाय अब उन पर नगर निगम जुर्माना ठोक रही है। अब इस मुद्दे को लेकर भी डेयरी संचालक हाईकोर्ट की शरण में जाएंगे। डेयरी संचालक इस बात को लेकर नाराज हैं कि नगर निगम दोहरा मापदंड उनके साथ अपना रही है। क्योंकि एक तरफ तो नगर निगम कॉलोनी करेंगे, लेकिन 5 साल बाद भी धरातल पर कैटल कॉलोनी नहीं उतर पाई।