ज्ञानवापी पर कोर्ट का फैसला सराहनीय: दिनेश शर्मा

Update: 2023-07-25 06:16 GMT

मथुरा न्यूज़: श्रीकृष्ण जन्मभूमि संघर्ष न्यास ने ज्ञानवापी पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को सराहनीय एवं हिंदू पक्ष के लिए मील का पत्थर बताया है. न्यास के अध्यक्ष दिनेश शर्मा ने फैसले का स्वागत करते हुए कहा है कि ज्ञानवापी पर कोर्ट का फैसला स्वागत योग्य है.

उन्होंने कहा कि मुस्लिम पक्ष चाहता है कि पहले 7 रुल 11 पर बहस हो और हिंदू पक्ष पहले सर्वे चाहता है. न्यायालय ने दोनों पक्ष सुनकर हिंदूओं के पक्ष में फैसला दिया है. इस फैसले पर हिंदुओं में हर्ष की लहर है. उच्च न्यायालय इलाहाबाद ने पहले ही यह आदेश दिया था कि ज्ञानवापी पर पहले पुरातत्व विभाग का सर्वे होगा. इसके खिलाफ मुस्लिम पक्ष सुप्रीम कोर्ट गया था. सुप्रीम कोर्ट ने भी उच्च न्यायालय के फैसले को बरकरार रखा. दिनेश शर्मा ने कहा कि अब वह दिन दूर नहीं जब अयोध्या की तरह काशी और मथुरा में हिंदुओं के आराध्य का भव्य मंदिर बनेगा. उन्होंने कहा न्यास ने फैसले को सराहनीय बताया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने मुस्लिम कट्टरपंथियों के दबाव में वर्शिप एक्ट 1991 का काला कानून बनाया था. मुगल शासकों द्वारा हिंदू मठ मंदिरों पर किए कब्जे को बरकरार रखने के लिए कांग्रेस ने यह कानून बनाया था.

ब्राह्मणों ने एएसआई के सर्वे को मंजूरी मिलने पर जताया हर्ष

वाराणसी कोर्ट द्वारा ज्ञानवापी सर्वे के पक्ष में सुनाए गए फैसले से जहां हिंदुओं में खुशी है वहीं ब्राह्मण संगठनों ने इस निर्णय पर हर्ष जताया है. परिक्रमा मार्ग स्थित सीएल पब्लिक स्कूल में ब्राह्मण महासभा एवं ब्राह्मण सेवा संघ के संयुक्त तत्वावधान में एक बैठक आयोजित कर वाराणसी कोर्ट के फैसले पर हर्ष जताया.

ब्राह्मण सेवा संघ के संस्थापक चन्द्रलाल शर्मा एवं ब्राह्मण महासभा के संस्थापक सुरेश चंद्र शर्मा ने कहा कि कोर्ट ने एएसआई के सर्वे को मंजूरी दे दी है. विवादित हिस्से को छोड़कर पूरे परिसर की एएसआई सर्वे को मंजूरी मिली है. भगवान शिव की आराधना से जुड़ा यह स्थल हिंदुओं की आस्था का केंद्र है. अध्यक्ष सत्यभान शर्मा व महेश भारद्वाज ने कहा कि शिवलिंग को फव्वारा बताने वाले लोंगो को अब सर्वे से सच्चाई का पता चलेगा.

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