निकाय चुनाव पर कोर्ट का फैसला पिछड़ा वर्ग के लिये निराशाजनकः मोहन प्रजापति

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Update: 2022-12-27 12:33 GMT
मुजफ्फरनगर। आज भारतीय अति पिछड़ा वर्ग संघर्ष मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मोहन प्रजापति ने एक प्रेस बयान में कहा है कि यूपी नगर निकाय चुनाव को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट का यह फैसला कि नगर निकाय चुनाव पिछड़ा वर्ग आरक्षण के बिना होगा यह फैसला 65 प्रतिशत लोगों के लिये निराशाजनक है। उन्होंने कहा है कि हाईकोर्ट का सम्मान सभी को करना चाहिए वह भी पूरा सम्मान करते है लेकिन कही न कही उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार पर भी सवालियां निशान खड़े होते है। उत्तर प्रदेश में 65 प्रतिशत से अधिक पिछड़ा वर्ग निवास करता है और इस फैसले से उनके हक अधिकार का हनन हुआ है। भाजपा सरकार ने नही चाहा कि निकाय चुनाव ओबीसी आरक्षण के तहत हो इसी वजह से 15 प्रतिशत लोगो को राजनीतिक लाभ पहुचाने के लिये सरकार ने मजबूती के साथ पिछड़े वर्ग के लिये पक्ष नही रखा।
उन्होंने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार कोर्ट के माध्यम से धीरे धीरे ओबीसी आरक्षण खत्म करने की घिनोनी चाल चल रही है यह सरकार पिछड़ा वर्ग विरोधी है और यह सरकार सिर्फ और सिर्फ पूंजीपतियों व सिर्फ उच्च वर्ग के लोगों के लिये ही काम कर रही। उन्ही की मजबूती के लिये कार्य कर रही है। उन्होंने पिछड़े वर्ग के लोगों से अपील कर कहा है कि अब समय आ गया है अपनी एकजुटता दिखाने का जहाँ पिछड़े वर्ग के लोग चुनाव लड़ रहे है एक जुट होकर उसे स्पॉट करें और हर सीट चाहे अध्यक्ष पद की हो या वार्ड की, हर सीट पर चुनाव लड़े अब हमें एकजुट होकर अपने हक की लड़ाई लड़नी चाहिये। वही उन्होंने कहा है कि अब देखना यह होगा कि जो पिछड़े वर्ग के लोग सत्ता में बैठे है वह अपने पिछड़े वर्ग के उत्थान के लिये सोचते है या पार्टियों की चापलूसी में ही डूबे रहना चाहते है।
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