एसडीएम सदर सार्थक अग्रवाल की कोर्ट ने अपने ही आदेश पर लगाई रोक

वादी अधिवक्ता को आपत्ति दाखिल करने का निर्देश दिया

Update: 2024-05-28 08:18 GMT

वाराणसी: उपजिलाधिकारी (सदर) सार्थक अग्रवाल की कोर्ट ने उच्च न्यायालय के आदेश के अनुपालन में प्रार्थी की रिकॉल सबंधित अर्जी स्वीकार करते हुए अपने पूर्व आदेश पर रोक लगा दी है. साथ ही वादी अधिवक्ता को आपत्ति दाखिल करने का निर्देश दिया है. मामले में अगली सुनवाई 12 जून को होगी.

पिछले दिनों इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एसडीएम सदर को निर्देश दिया है कि वह याची के प्रार्थनापत्र पर सुनवाई कर उसे निस्तारित करें. लेकिन एसडीएम सदर ने लेखपाल की रिपोर्ट के आधार पर नगवां स्थित विवादित भूमि को सरकारी खाते में दर्ज कराते हुए जमीन पर काबिज लोगों को बेदखल करने का आदेश दिया था. इससे करीब 300 से ज्यादा परिवार संकट में आ गये थे. इसकी जानकारी पर नगवां निवासी जयनारायण मिश्र ने एसडीएम कोर्ट में आवेदन दिया तो कार्यालय ने यह कहते हुए प्रार्थना पत्र लौटा दिया कि कोई प्रार्थना पत्र स्वीकार करने का आदेश नहीं है. तत्पश्चात कुछ दिनों पूर्व जयनारायण मिश्र सहित अन्य की ओर से हाईकोर्ट में एसडीएम कोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए याचिका दाखिल की गई थी.

हाईकोर्ट ने याची की याचिका स्वीकार करते हुए एसडीएम कोर्ट को सभी पक्षों पूरी तरह सुनने का आदेश दिया है. जिसके क्रम में एसडीएम सदर अपने आदेश पर रोक लगाते हुए रिकॉल सम्बंधित प्रार्थना पत्र स्वीकार कर लिया है.

प्रो. ओमशंकर का शुगर लेवल भी घटा: बीएचयू के सर सुंदरलाल अस्पताल के कॉर्डियोलॉजी विभाग के अध्यक्ष प्रो. ओमशंकर का अनशन चौथे दिन भी जारी रहा. मेडिकल टीम के मुताबिक उनका वजन और शुगर लेवल कम हो रहा है. प्रो. ओमशंकर के समर्थन में अलग-अलग सामाजिक संगठन के लोग आ रहे हैं.

कॉर्डियोलॉजी विभाग में 41 अतिरिक्त बेड की मांग को लेकर प्रो. ओमशंकर 11 से अपने चैंबर में बेमियादी अनशन पर हैं. इस दौरान अलग-अलग राजनैतिक पार्टियों के साथ ही सामाजिक संगठन के लोग उनके समर्थन में आ रहे हैं. वह अपने चैंबर में मरीजों को परामर्श दे रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग की टीम हेल्थ चेकअप के लिए पहुंची थी. इस दौरान उनका वजन 88.6 किलोग्राम, बीपी 4/90 और शुगर लेवल 87 है.

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