लखनऊ: योगी आदित्यनाथ सरकार ने हालिया प्रस्तुत आम बजट 2023-24 में शिक्षा विभाग के लिए 2000 करोड़ रुपये की धनराशि देने का प्रावधान किया है। इसमें बेसिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत संचालित परिषदीय विद्यालयों के लिए एक हजार करोड़ रुपये से प्रत्येक विकास खंड में एक-एक (कुल 880) मुख्यमंत्री अभ्युदय कंपोजिट विद्यालयों को विकसित किया जाएगा। योगी सरकार की मंशा आगामी 3 वर्षों में लगभग 4000 (प्रत्येक विकास खंड में 4-5) अभ्युदय कंपोजिट विद्यालयों को विकसित करने की है। इसके लिए बेसिक शिक्षा विभाग ने कार्ययोजना बना ली है, जिस पर आगे की कार्यवाही की जा रही है। प्री प्राइमरी से लेकर कक्षा 8 तक के इन विद्यालयों को अपग्रेड कर योगी सरकार न सिर्फ प्रत्येक छात्र तक उत्तम शिक्षा पहुंचाने का प्रयास कर रही है, बल्कि उन्हें विद्यालय में वे सभी सुविधाएं भी मुहैया कराने का उद्देश्य है जिसकी मदद से उनका कौशल विकास हो सके और वे बेहतर भविष्य की ओर अग्रसर हो सकें।
प्रथम चरण में 704 परिषदीय विद्यालयों को किया जाएगा अपग्रेड: महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरण आनंद के अनुसार बजट में किए गए इस प्रावधान के तहत बेसिक शिक्षा विभाग के माध्यम से प्रत्येक ग्रामीण विकासखंड से जगह की उपलब्धता, व्यवहारिकता एवं महत्तम सामाजिक लाभ के दृष्टिगत प्रत्येक विकासखंड से एक कंपोजिट विद्यालय का पारदर्शितापूर्ण चयन किया जाएगा। इन विद्यालयों को तय मानकों के अनुरूप अपग्रेड किया जाएगा और मुख्यमंत्री अभ्युदय कंपोजिट विद्यालय का दर्जा प्रदान किया जाएगा। प्रत्येक कंपोजिट विद्यालय में लगभग 1.42 करोड़ रुपये से अवस्थापना सुविधाओं को अपग्रेड किए जाने का प्रावधान किया गया है। इस प्रकार से प्रथम चरण में बेसिक शिक्षा विभाग के लिए आवंटित बजट 1,000 करोड़ रुपये से लगभग 704 परिषदीय विद्यालयों को मुख्यमंत्री अभ्युदय कंपोजिट विद्यालय के रूप में अपग्रेड किया जाएगा।
प्रत्येक विद्यालय में होंगे 450 छात्र-छात्राएं: मुख्यमंत्री अभ्युदय कंपोजिट विद्यालय के अंतर्गत पहले से संचालित परिषदीय कंपोजिट विद्यालयों में आधुनिक सुविधाओं के साथ ग्रेड लर्निंग कांसेप्ट के आधार पर अपग्रेड किया जाएगा। इन विद्यालयों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अनुरूप बच्चों का समावेशी एवं कौशल विकास को विशेष रूप से प्रोत्साहित किया जाएगा। इन विद्यालयों के अपग्रेडेशन के बाद प्री-प्राइमरी से कक्षा-8 के लिए प्रति वर्ग पृथक-पृथक कक्षा की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। प्रत्येक विद्यालय को लगभग 450 छात्र-छात्राओं की क्षमता के साथ विकसित किया जाएगा। इन विद्यालयों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं के सर्वांगीण बौद्धिक विकास को उच्च गुणवत्ता की शिक्षा एवं बेहतर शैक्षणिक परिवेश के लिए तैयार किया जाएगा, जहां पहले से निर्मित समस्त सुविधाओं एवं कक्षा का सुदृढ़ीकरण करते हुए जल और स्वच्छता संबंधी अवस्थापना सुविधाओं को भी अपग्रेड किया जाएगा।