कानपूर न्यूज़: कोरोना का पंजा वैक्सीन की डबल डोज लगवाने वालों को भी जकड़ रहा है. ऐसा इसलिए क्योंकि इनमें एंटीबॉडी खत्म होने लगी है. वहीं एक भी डोज न लगवाने वालों के लिए वायरस जटिलताएं पैदा कर रहा है. टीका न लगवाने वाली दो महिलाओं को सीकेडी और एक संक्रमित को हार्ट अटैक ने गंभीर बना दिया है. डॉक्टरों का कहना है बूस्टर डोज लगवाने वालों को वायरस छू नहीं सका.
शहर में इस साल कोविड का पहला केस 24 मार्च को महिला कैदी के रूप में सामने आया था, उसके बाद से रफ्तार थम नहीं रही. स्वास्थ्य विभाग ने तक आ चुके 72 मरीजों की रिपोर्ट सीएमओ को भेजी है. इससे साफ हुआ 54 पॉजिटिव केसों में सभी ने कोविशील्ड या कोवैक्सीन की डबल डोज ली थी लेकिन वे संक्रमित हो गए. ओमीक्रोन की लहर में इन 54 में सिर्फ दो को संक्रमण हुआ था. इस संक्रमितों को डबल वैक्सीन लगवाए 9 माह हो चुके हैं, फिर भी चपेट में आए. वहीं, डॉक्टरों का दावा है बूस्टर डोज लगाने वाले चपेट में आने से दूर रहे. अभी तक नए प्रसार में कोई भी केस ऐसा नहीं आया जिसे बूस्टर के बाद संक्रमण हुआ हो बूस्टर लेने वाले संक्रमितों के संपर्क में रहे. सात केस ऐसे भी चिह्नित हुए हैं जिन्होंने डबल डोज ली पर परिजनों ने बूस्टर पहले से ली थी. एसीएमओ डॉ.आरपी मिश्र के मुताबिक रिपोर्ट में वैक्सीन की डबल डोज लगवाने वालों को इस बार कोरोना ने चपेट में लिया है.