यूपी पर 50 जिलों में हालत खराब, बारिश नहीं होने से मंडराने लगी सूखे की काली छाया, सिर्फ 16 जिलों पर हुई मॉनसून की मेहरबानी

यूपी पर अब सूखे की काली छाया मंडराने लगी है। आधा अगस्त बीतने को है और अब तक सिर्फ 16 जिलों में मॉनसून की मेहरबानी हुई है।

Update: 2022-08-10 01:27 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। यूपी पर अब सूखे की काली छाया मंडराने लगी है। आधा अगस्त बीतने को है और अब तक सिर्फ 16 जिलों में मॉनसून की मेहरबानी हुई है। वो भी सामान्‍य बारिश के रूप में ही। प्रदेश में अभी तक 54 प्रतिशत ही बारिश हुई है। राज्‍य का एक भी ऐसा जिला नहीं रहा जहां अब तक 120 प्रतिशत या इससे अधिक बारिश हुई हो।

सामान्य बारिश यानि 80 से 120 प्रतिशत बारिश की बात करें तो मॉनसून की यह मेहरबानी महज 16 जिलों पर हुई है जबकि पिछले साल 33 जिलों में इतनी बारिश हो चुकी थी। जिन जिलों की इस बार हालत खराब हो रही है उनकी संख्या करीब 50 है। इनमें 29 जिले ऐसे हैं जहां 40 से 60 प्रतिशत के बीच बारिश हुई है जबकि पिछले साल ऐसे जिलों की संख्या 13 ही थी। 40 प्रतिशत से कम बारिश वाले जिलों की संख्या 21 हो चुकी है। पिछले सप्ताह मुख्यमंत्री ने कम बारिश वाले जिलों की समीक्षा करते हुए कृषि, राहत, सिंचाई आदि विभाग से बराबर इन जिलों की मानीटरिंग करने के निर्देश देते हुए कहा था कि एक सप्ताह बाद फिर समीक्षा होगी। पन्द्रह अगस्त से पहले मुख्यमंत्री इस बाबत बैठक करके कोई अहम निर्णय ले सकते हैं।
राज्य में अब तक हुई 94 धान की बुआई
जहां तक खरीफ की फसलों की रोपाई व बोवाई का सवाल है तो राज्य में अब तक धान की 94 प्रतिशत रोपाई हो चुकी है। मक्के की 95, ज्वार की 87, बाजरे की 90 और मोटे अनाजों की शतप्रतिशत बोवाई हो चुकी है। इसी तरह उर्द की 92, मूंग की 98, अरहर की 93, मूंगफली की 98, सोयाबीन की 91, तिल की 93 यानि दलहनी-तिलहनी फसलों की कुल 94 प्रतिशत बोवाई हो चुकी है। मगर अब लगातार जोरदार बारिश न होने की वजह से खासतौर पर धान की फसल को बचाना बहुत मुश्किल हो रहा है।
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