सिटी न्यूज़: यूपी में परीक्षा से वंचित किए गए राजकीय मेडिकल कॉलेज, अंबेडकरनगर के छह छात्रों की सोमवार को तबियत बिगड़ गई। उन्हें इमरजेंसी में भर्ती कराना पड़ा। इसकी जानकारी होते ही अन्य विद्यार्थियों ने हंगामा शुरू कर दिया। बांदा-टांडा हाईवे पर जाम लगाकर नारेबाजी की।
विद्यार्थियों ने आरोप लगाया कि उनमें से 46 की उपस्थिति कम दिखा परीक्षा से वंचित किया जा रहा है। यह बदले की कार्रवाई है। ये भी आरोप लगाया कि बीते दिनों कॉलेज प्रशासन की शिकायत डीएम से किए जाने पर परिणाम भुगतने की धमकी भी दी गई। वहीं, प्राचार्य डॉ. संदीप कौशिक का कहना है कि जिनकी उपस्थिति कम थी, उन्हें ही सोमवार को मौका नहीं मिला है। इनमें से कुछ छात्रों ने तनाव के चलते खाना नहीं खाया इसलिए तबियत खराब हुई। विवि के नियमों का ही पालन हो रहा है।
मेडिकल कॉलेज के सामने नेशनल हाईवे जाम करने वाले छात्र-छात्राओं ने सोमवार शाम मुख्य गेट को भी जाम कर दिया। हुआ यह कि हाईवे पर जाम लगाने के बाद पहुंचे अधिकारियों ने समझा-बुझाकर उन्हें वहां से हटने को राजी कर लिया। आम लोगों के हितों का हवाला देने पर छात्र-छात्रएं वहां से तो हट गए लेकिन मेडिकल कॉलेज के मुख्य गेट को जाम कर दिया। वहां देर शाम धरने पर बैठे छात्र-छात्राओं ने कहा कि मनमानी व उत्पीड़न चरम पर पहुंच गया है। प्राचार्य को हटाए जाने पर ही यहां माहौल सामान्य हो सकेगा। देर शाम तक युवाओं का धरना कॉलेज गेट पर जारी रहा।
डीएम सैमुअल पॉल एन ने मेडिकल कॉलेज के छात्र-छात्राओं से संयम बरतने की अपील की है। कहा कि बीते दिनों उन्होंने जो शिकायतें दर्ज कराई थीं, उसकी बाकायदा जांच कराई गई है। उनके बयान भी दर्ज हुए थे। विस्तृत रिपोर्ट शासन को भेजी जा चुकी है। छात्र-छात्राओं को चाहिए कि वे धैर्य का परिचय दें। कॉलेज का माहौल कतई खराब नहीं होना चाहिए। डीएम ने छात्र-छात्राओं को भरोसा दिलाया कि उनका किसी भी तरह का उत्पीड़न नहीं होने दिया जाएगा। पूरी स्थिति पर नजर रखी जा रही है।
मेडिकल कॉलेज में छात्रों के बीमार पड़ने की खबर मिलते ही एसडीएम टांडा दीपक वर्मा तथा सीओ संतोष कुमार वहां पहुंच गए। उन्होंने इमरजेंसी वार्ड में जाकर छात्रों से उनका हाल जाना। इससे पहले सोशल मीडिया पर यह खबर फैली थी कि मेडिकल कॉलेज के छात्रों ने परीक्षा से रोके जाने पर जहर खा लिया है। इसी खबर की पुष्टि करने एसडीएम व सीओ वहां पहुंचे तो पता चला कि अवसाद में आ जाने के चलते छात्रों की हालत बिगड़ी है। एसडीएम ने वहां मौजूद अन्य छात्र-छात्राओं का भी बयान लिया। इसके बाद दोनों अधिकारी टांडा लौट गए। बाद में मार्ग जाम होने पर वे एक बार फिर से मेडिकल कॉलेज पहुंचे।