कम्पनी बाग फोरलेन पर पुलिया के निर्माण में घटिया ईंट की शिकायत

अधिशासी अभियंता अवधेश कुमार ने मामले की जांच के लिए अवर अभियंता रामजी को मौके पर भेजा

Update: 2024-03-01 10:04 GMT

बस्ती: शहर में बड़ेबन चौराहे से कम्पनी बाग चौराहे तक बन रही फोरलेन की पुलिया निर्माण में घटिया ईंट का इस्तेमाल करने की शिकायत के बाद लोक निर्माण विभाग हरकत में आ गया है. अधिशासी अभियंता अवधेश कुमार ने मामले की जांच के लिए अवर अभियंता रामजी को मौके पर भेजा. अधीक्षण अभियंता बस्ती मंडल राकेश कुमार का कहना है कि निर्माण कार्य की जांच कराई जाएगी. कमियां मिलने पर कार्रवाई कराई जाएगी.

बड़ेबन-कम्पनी बाग मार्ग का चौड़ीकरण कर उसे फोरलेन बनाया जा रहा है. सड़क का चौड़ीकरण करने के लिए जगह-जगह निर्मित पुलियों की लम्बाई भी बढ़ाई जा रही है. विभाग को शिकायत मिली की निर्माण में खराब ईंट का प्रयोग किया जा रहा है. काम करा रहे अवर अभियंता अभिषेक सिंह ने मौके पर पहुंचकर आपत्ति जताई तो वहां मौजूद ठेकेदार के लोगों ने बताया कि भट्टे वाले ने गलती से मानक विहीन ईंट भेज दी है. विभाग के जिम्मेदारों का कहना है कि कुछ दिन पूर्व भी ऐसी ही मानक विहीन ईंट गिराकर काम कराने का प्रयास किया गया था, लेकिन मौके पर अवर अभियंता ने खराब ईंट को वापस करा दिया था. एक बार फिर खराब ईंट को साइट पर गिराकर उसके इस्तेमाल का प्रयास किया गया. घटिया काम को बंद करा दिया गया है.

30 प्रतिशत कम टेंडर पर हो रहा है काम

फोरलेन का निर्माण कार्य 30 प्रतिशत बिलो टेंडर पर कराया जा रहा है. इतने बिलो टेंडर के बाद काम की गुणवत्ता पर पहले से ही सवाल उठने लगे थे. आशंका जताई जा रही थी कि कम खर्च में काम को पूरा करने के लिए हेराफेरी की जा सकती है. इसके बाद भी आला अधिकारियों ने इसे गम्भीरता से नहीं लिया. जानकारों का कहना है कि किसी भी काम में आने वाली लागत के आंकलन के बाद उस पर 10 ठेकेदार का कमीशन निर्धारित करते हुए टेंडर जारी किया जाता है. अधिकतम 10-15 प्रतिशत बिलो टेंडर पर काम कराया जा सकता है. अगर टेंडर ज्यादा बिलो होता है तो उसकी गुणवत्ता बनाए रखना सम्भव नहीं होता है.

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