कोल इंडिया ने यूपी को छोड़ 26 बिजली परियोजनाओं के लिए आयातित कोयले का टेंडर किया जारी, केंद्र पर आपूर्ति में भेदभाव का आरोप
तमाम दबावों के बावजूद राज्य सरकार की ओर से सहमति न देने के बाद आखिरकार कोल इंडिया ने यूपी को छोड़ 26 बिजली परियोजनाओं के लिए 2.416 मिलियन टन आयातित कोयले का टेंडर जारी कर दिया।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। तमाम दबावों के बावजूद राज्य सरकार की ओर से सहमति न देने के बाद आखिरकार कोल इंडिया ने यूपी को छोड़ 26 बिजली परियोजनाओं के लिए 2.416 मिलियन टन आयातित कोयले का टेंडर जारी कर दिया। सात राज्यों और 19 निजी बिजली उत्पादकों के लिए आयातित कोयले का टेंडर जारी किया गया है।
राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने आयातित कोयले के लिए सहमति न देने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आभार जताया है। वहीं केंद्र पर कोयले की आपूर्ति में यूपी के साथ भेदभाव का आरोप भी लगाया है।
बिजलीघरों के लिए घरेलू कोयले के आवंटन में कटौती की धमकी व अन्य दबावों के बावजूद राज्य सरकार ने कोल इंडिया को आयातित कोयले के लिए सहमति नहीं दी। अंतत: कोल इंडिया ने यूपी को छोड़ अन्य राज्यों व निजी उत्पादकों के लिए आयातित कोयले का टेंडर जारी कर दिया।
जिन राज्यों के लिए टेंडर जारी किया गया है, उनमें पश्चिम बंगाल, पंजाब, आंध्र प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र व राजस्थान शामिल हैं। साथ ही 19 निजी घरानों के लिए भी टेंडर जारी किया गया है।
राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने आयातित कोयले के लिए सहमति न देने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आभार जताया है। कहा, अगर केंद्र के दबाव में यूपी सरकार भी आयातित कोयले के लिए सहमति दे देती तो प्रदेश में बिजली दरों में बढ़ोतरी होनी तय थी। उन्होंने केंद्र पर कोयले की आपूर्ति में यूपी के साथ भेदभाव का आरोप भी लगाया है।
कहा, प्रदेश को रोजाना 17 रैक कोयला मिलना चाहिए लेकिन सिर्फ 13 रैक ही मिल रहा है। जबकि एनटीपीसी की परियोजनाओं को ज्यादा कोयला दिया जा रहा है। वहां के बिजलीघरों में 20 दिन का स्टॉक है वहीं यूपी के बिजलीघरों में चार-पांच दिन का ही स्टॉक है। राज्य सरकार को इस पर केंद्र से बात करनी चाहिए।