लखनऊ: त्तर प्रदेश विधानसभा में बृहस्पतिवार को महिलाओं को समर्पित विशेष सत्र का आयोजन किया गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसकी प्रस्तावना रखते हुए कहा कि भारत के सबसे बड़े विधानमंडल का यह सत्र देश के सामने एक उदाहरण पेश करेगा कि आखिर महिला सदस्य क्या बोलना चाहती हैं।योगी आदित्यनाथ ने सदन को संबोधित करते हुए कहा कि महिलाओं का बलिदान किसी से छुपा नहीं है। झांसी की रानी पर यूपी पूरा देश गर्व करता है। आजादी की लड़ाई में महिलाओं का अहम योगदान रहा है। आज का नया इतिहास रचा जा रहा है। योगी ने कहा कि मां के जैसी कोई छाया कोई सहारा नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के भविष्य, वर्तमान और स्वावलंबन के बारे में अगर महिला सदस्यों की ओर से कोई सकारात्मक सुझाव आता है तो उससे सरकार को जरूरी कदम उठाने में मदद मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा, "आज देश का सबसे बड़ा विधानमंडल एक नया इतिहास बनाने की ओर अग्रसर हो रहा है। आजादी के 75 वर्षों के बाद आधी आबादी की आवाज इस सदन के माध्यम से प्रदेश की 25 करोड़ आबादी तक पहुंचेगी। साथ ही उन्हें प्रदेश की समस्याओं और उपलब्धियों के अलावा अन्य समसामयिक मुद्दों को इस सदन में रखने का अवसर प्राप्त होगा। वास्तव में यह कार्य बहुत पहले होना चाहिए था।" योगी ने कहा, "इस सत्र से देश के सामने भी एक उदाहरण पेश होगा कि आखिर महिला सदस्य क्या बोलना चाहती हैं। प्रदेश के भविष्य, वर्तमान और स्वावलंबन के बारे में अगर महिला सदस्यों की ओर से कोई सकारात्मक सुझाव आता है तो उससे सरकार को जरूरी कदम उठाने में मदद मिलेगी।" मुख्यमंत्री ने यह भी कहा, "महिला सदस्यों को समर्पित विशेष सत्र में कुछ देर के लिए ही सही, अगर पीठासीन अधिकारी के रूप में कोई बहन सदन का संचालन कर सके तो मुझे लगता है कि एक माहौल बनेगा।
मजाकिया अंदाज में योगी बोले- शोरगुल में महिलाओं की बात दब जाती थी...
उन्होंने महर्षि वेदव्यास की नारी शक्ति को समर्पित कुछ पंक्तियां पढ़ते हुए कहा, "अगर यह भाव हर व्यक्ति के मन में आ जाए तो कुछ भी असंभव नहीं है। महिलाओं और पुरुषों को एक समान दर्जा देने का यह प्रयास पहली बार नहीं हो रहा है। आजादी के बाद इस दिशा में बहुत अच्छे प्रयास हुए। काफी प्रगति भी हुई।" योगी ने कहा, "भारत के संविधान निर्माताओं ने पुरुषों के साथ-साथ महिलाओं को भी शुरू से ही मताधिकार दिया था। इंग्लैंड और दुनिया के कई अन्य देशों में महिलाओं को यह अधिकार भारत के बाद मिला।" उन्होंने मजाकिया लहजे में कहा, "मैं यहां पुरुष सदस्यों से ही कहूंगा कि सामान्य दिनों में आपके शोरगुल में महिलाओं की बात दब जाती थी। आज आपके लायक जो भी होगा, उसे स्वीकार करेंगे। अगर अपनी कोई गलती पता लगेगी तो घर में दोनों कान पकड़कर माफी मांग लीजिएगा और आगे सुधार लाइएगा, ताकि सदन को बेहतर ढंग से संचालित करने में मदद मिल सके।"
नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव की इस बात पर लगें ठहाके
इस पर सदन में जोरदार ठहाके लगे। नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने मजाकिया लहजे में पूछा, "आखिर नेता सदन (अविवाहित मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ) यह सब बातें कैसे जानते हैं।" मुख्यमंत्री ने वैदिक काल और उसके बाद के कालखंड में महिलाओं के योगदान और आजादी की लड़ाई में उनके बलिदान को याद किया। उन्होंने महिलाओं और बेटियों को समर्पित शासकीय योजनाओं का विस्तार से जिक्र भी किया। योगी ने कहा, "मैं चाहूंगा कि अच्छे सुझाव आएं और सकारात्मक चर्चा हो। आरोप-प्रत्यारोप तो हमेशा लगते हैं। आज उनसे ऊपर उठकर बात हो। आज सदन की जो भी कार्यवाही होगी, वह एक दस्तावेज बनेगा और 50 साल या 100 साल बाद यह दस्तावेज देखने वाले लोग उससे प्रेरणा प्राप्त करेंगे।"
उन्होंने कहा, "इस चर्चा से प्रदेश को नयी पहचान मिलेगी। मेरा आग्रह है कि नियमों को शिथिल करते हुए जितनी देर महिला सदस्य चर्चा करना चाहें, उन्हें करने दी जाए और उसका प्रकाशन भी हो।" गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश विधानमंडल का बृहस्पतिवार का सत्र महिला सदस्यों के लिए आरक्षित किया गया है। इस दौरान सदन में सिर्फ महिला सदस्य ही अपनी बात रखेंगी।
न्यूज़क्रेडिट: punjabkesari