बरेली न्यूज़: नगर निगम बरेली की अग्रिम कर निर्धारण सूची को हाईकोर्ट द्वारा निरस्त करने के बावजूद भी कर वसूली में नगर निगम कोर्ट की अवमानना में फंस गया है. लघुवाद न्यायाधीश रवि कुमार दिवाकर की कोर्ट ने न्यायालय की अवमानना के संबंध में नगरायुक्त निधि गुप्ता वत्स को व्यक्तिगत तौर पर तलब किया है. अब इस प्रकरण में 18 जनवरी को सुनवाई होगी.
सिविल लाइंस निवासी सुमन कुमार मेहरा ने मुख्य नगर आयुक्त के खिलाफ टैक्स अपील अदालत में दायर की थी. आरोप था कि दर्जी चौक बड़ा बाजार की उनकी सपंत्ति का 2013-14 का टैक्स उन्होंने बैंक चेक द्वारा जमा किया था. इसके बाद 2014-15 में नगर निगम ने मनमाने ढंग से कर निर्धारण बढ़ा दिया. तब मेहरा ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी. हाईकोर्ट ने 22 अगस्त 2016 को नगर निगम की अग्रिम कर निर्धारण सूची को निरस्त कर फिर से वार्षिक कर मूल्यांकन के आदेश दिये थे. इसके बाबजूद भी नगर निगम ने 2016-17 में सुमन कुमार मेहरा पर पुराने रिवाइज बिल पर ब्याज पर ब्याज लगाकर टैक्स का ऐच्छिक बिल जारी कर दिया. मेहरा ने चेक द्वारा टैक्स जमा किया. उनके खाते से रकम कट गई, मगर नगर निगम ने अपने खातें में एंट्री नहीं किया. 12 मार्च 2018 को भी चेक द्वारा टैक्स जमा किया. उसे भी नगर निगम ने कम नहीं किया था. नगर निगम की इस टैक्स अपील की सुनवाई लघुवाद न्यायाधीश रविकुमार दिवाकर की कोर्ट में हुई. हाईकोर्ट द्वारा कर निर्धारण सूची निरस्त करने के बाद उसी सूची से कर वसूली पर कोर्ट ने नगर निगम को कोर्ट की अवमानना का आरोपी माना. कोर्ट ने नगरायुक्त निधि गुप्ता वत्स को जवाब-तलब करने के आदेश दिये हैं.