इंजीनियर को युवती से चैटिंग करना पड़ा महंगा, 21 लाख की चपत लगा क्रिप्टो करेंसी में लगाई रकम
सिविल लाइंस क्षेत्र में रहने वाले डॉक्टर के इंजीनियर बेटे से साइबर अपराधियों ने 21 लाख रुपये ठग लिए। जांच में पता चला है कि साइबर अपराधियों ने पूरी रकम क्रिप्टो करेंसी में निवेश कर दी है। साइबर ठगी के शिकार हुए डॉक्टर के बेटे एक निजी कंपनी में इंजीनियर हैं।
कुछ दिन पहले डॉक्टर के बेटे की टेलीग्राम के जरिये एक महिला के नाम से बनी आईडी पर चैटिंग हुई थी। इसी दौरान महिला ने बताया था कि वह एक इंटरनेशनल ट्रेडिंग कंपनी में जॉब करती है। उसने इंजीनियर से भी कहा कि वह कंपनी में निवेश कर सकते हैं।
इसके अलावा कंपनी की ओर से कई तरह के ऑफर भी बताए गए थे। इसी दौरान उसने एक एप डाउनलोड करा लिया। इसके बाद इंजीनियर ने एप पर रजिस्ट्रेशन करा लिया था। जिसके बाद उनके नाम से खाता दिखाई देने लगा था। इस एप पर एक टास्क दिया गया।
पांच हजार रुपये ट्रांसफर कराए
इस टास्क को पूरा करने के लिए इंजीनियर से एक खाते में पांच हजार रुपये ट्रांसफर कराए गए। टास्क पूरा होने पर इंजीनियर के खाते में 6500 रुपये वापस आ गए थे। इसके बाद पहला, दूसरा और तीसरा टास्क दिए। हर बार टास्क की रकम बढ़ा दी गई थी। वह सभी टास्क पूरे करते चले गए। लेकिन इसके बाद उनके खाते में रकम वापस नहीं आई।
21 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए
इसी तरह उन्होंने अपने खाते से 21 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए थे। तब उन्हें एहसास हो गया कि वह साइबर ठगी के शिकार हो गए हैं। उन्होंने खाते की डिटेल निकलवाई तो पता चला कि उनकी रकम जिस खाते में ट्रांसफर की गई है उस खाते से पूरी रकम क्रिप्टो करेंसी में लगाई गई है। उन्होंने इस मामले की शिकायत पुलिस से कर रकम वापस कराने की मांग की है।
क्रिप्टो करेंसी के मायाजाल में फंसा रहे साइबर ठग
तेजी से विकसित हो रही नई तकनीक को साइबर ठग हथियार बना रहे हैं। क्रिप्टो करेंसी में लोगों से निवेश और टास्क देकर उन्हें ठग रहे हैं। मुरादाबाद में भी एक फर्म कर्मी से साढ़े तीन लाख रुपये की ठगी हो चुकी है। साइबर अपराधी रकम वापस करने का झांसा देकर उन्हें दोबारा टास्क पूरा करने के लिए कह रहे हैं। फर्म कर्मी के अलावा भी कई लोग झांसे में आकर अपनी गाढ़ी कमाई गंवा चुके हैं।
विदेशों में बैठे हैं मास्टर माइंड
क्रिप्टो करेंसी के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह सऊदी अरब, वियतनाम, बांग्लादेश, चीन, इंडोनेशिया समेत अन्य देशों में बैठे हैं। इनमें भारतीय और विदेशी दोनों शामिल हैं। मास्टर माइंड वहां बैठकर फर्जी वेबसाइट, लिंक, गेमिंग एप, बेटिंग एप समेत अन्य तरह के एप और बेवसाइट बनाते हैं। इसके बाद अपने एजेंटों के जरिये इन बेवसाइटों को सोशल मीडिया के जरिए लोगों तक पहुंचाते हैं।
जो लोग इनके झांसे में आ जाते हैं उन्हें टास्क देते हैं। पहला टास्क पूरा करने पर भुगतान कर देते हैं। दूसरा टास्क पूरा करने पर भुगतान रोक लेते हैं। तब उन्हें कहते हैं कि तीसरा टास्क पूरा करने पर दूसरे टास्क का भुगतान दिया जाएगा। इसी लालच में आकर लोग रकम ट्रांसफर कर देते हैं।
चेन बनाने का भी दिया जाता है लालच
साइबर ठग क्रिप्टो करेंसी में एक चेन सिस्टम इनवेस्टमेंट प्लान भी देते हैं। साइबर ठग एजेंटों से कहते हैं कि वह अपने साथ अन्य लोगों को जोड़ेंगे तो उन्हें कमीशन मिलेगा। इसी लालच में आकर एजेंट अपने रिश्तेदारों और जानकारों से भी इसमें रकम निवेश करवा रहे हैं। जिससे एक लंबी चेन बन रही है।
साइबर सेल ने वापस कराए 11.50 लाख रुपये
मझोला थाना क्षेत्र के नया मुरादाबाद निवासी सोनू से साइबर ठगों ने ऑनलाइन निवेश कराने के नाम पर 11 लाख 50 हजार रुपये ट्रांसफर करा लिए थे। इसके बाद साइबर ठग ने मोबाइल बंद कर लिया था। पीड़ित ने इस मामले की शिकायत साइबर सेल में की। साइबर सेल की टीम ने पूरी रकम सोनू के खाते में वापस करा दी थी।
खाता धारक को दी जाती है 10 प्रतिशत रकम
साइबर ठग अपने एजेंटों के जरिये करेंट एकाउंट धारकों को दस प्रतिशत रकम देते हैं। उन्हें बताया जाता है कि 24 घंटे के लिए उनका खाता चाहिए। उनके खाते में 25 से 30 लाख रुपये आएंगे। इसके लिए दस प्रतिशत रकम उन्हें दी जाएगी। इस पर धारक तैयार हो जाते हैं तो उनसे डेबिट कार्ड, इंटरनेट आईडी, पासवर्ड और सिम ले लेते हैं।
इसके बाद विदेश में बैठे ठग टेलीग्राम के जरिये लोगों को लिंक, एप और बेवसाइट के जरिए तरह तरह के लालच देते हैं। उन्हें बताया जाता है कि उनकी कंपनी के लिए लाइक्स, शेयर करेंगे तो 100 रुपये मिलेंगे। इस तरह लोगों को अपने जाल में फंसाते हैं।