Chandauli : सड़क हादसे में मौत ,ड्यूटी जा रहा था स्टेशन मास्टर

Update: 2024-06-30 06:59 GMT
Chandauli चंदौली : चंदौली जिले के कोतवाली क्षेत्र के बथावर गांव के धर्मकाटा के पास अज्ञात वाहन की टक्कर से मुगलसराय के मटकुट्टा सहरोई पर तैनात रेलवे स्टेशन मास्टर शारदा रंजन (51) की शनिवार की देर रात मौत हो गयी। ग्रामीणों की मदद से कोतवाली पुलिस ने शव को लेकर सकलडीहा सीएचसी पहुंची। जहां डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया। घटना की जानकारी होने पर परिजनों में कोहराम मच गया। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम की कार्रवाई के लिए जिला अस्पताल भेज दिया। घटना के बाद परिजनों का
रो- रोकर बुरा हाल है।
बिहार के नालंदा शहर के मंडाक्ष गांव के शिव प्रसाद के दो पुत्र शारदा रंजन और राकेश रंजन हैं। शारदा रंजन मुगलसराय के मटकुट्टा सहरोई में रेलवे स्टेशन मास्टर थे। उनकी पत्नी नूतन पटेल सकलडीहा बाल विकास परियोजना कार्यालय में वरिष्ठ पटल सहायक हैं।
शारदा रंजन सकलडीहा कस्बा के अलीनगर तिराहे पर एक किराये के मकान में पत्नी व एक पुत्री स्मृति रंजन और एक पुत्र श्रेयश रंजन के साथ रहते थे। शनिवार को रात में बाइक से ड्यूटी के लिए जा रहे थे। ताजपुर के आगे बथावर गांव के पास एक धर्मकाटा के समीप अज्ञात वाहन की टक्कर से गंभीर रूप से घायल हो गए थे।
तेन्दुईपुर गांव का एक युवक पहचान के बाद अपने वाहन से सकलडीहा सीएचसी पुलिस की मदद से लेकर पहुंचा। जहां डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया। घटना की जानकारी होने पर रोते बिलखते पत्नी और बच्चे सीएचसी पर पहुंच गए। पति का शव देख पत्नी सहित बच्चे दहाड़ मारकर रोने लगे। इसी बीच सूचना मिलने पर रेलवे विभाग के कई अधिकारी और सहयोगी भी पहुंच गए।
पुलिस ने परिजनों की सहमति पर शव को पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेज दिया। इस बावत थानाध्यक्ष संजय कुमार सिंह ने बताया कि प्रथम सूचना प्राप्त हुआ था कि अज्ञात वाहन की टक्कर से रेलवे स्टेशन मास्टर की मौत हो गई है। शव को पीएम के लिए भेजा गया है। रिपोर्ट आने पर स्थिती स्पष्ट हो पाएगी।
भारत की जीत का दुआ करते हुए ड्यूटी हुए थे रवाना
शनिवार की देर रात खाना खाते समय रेलवे स्टेशन मास्टर भारत और दक्षिण अफ्रीका की मैच देख रहे थे। ड्यूटी का समय होने पर शारदा रंजन भारत की जीत की दुआ करते हुए ड्यूटी के लिए रवाना हुए। पत्नी नूतन पटेल रोक रही थी। मैच देखकर जाइए। मगर वह ड्यूटी का हवाला देते हुए रवाना हो गए। काश पत्नी की बात मान लेते तो शायद जान बच जाती। यह सोचकर पत्नी और बच्चों का रो- रोकर बुरा हाल था।
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