डीएम से मिलने के बाद मंझनपुर तहसील पहुंची सीबीआई टीम

Update: 2023-03-13 10:18 GMT

इलाहाबाद न्यूज़: बसपा विधायक राजू पाल की हत्या के बाद से फरार शूटर अब्दुल कवि के घर की कुर्की करने के लिए सीबीआई की टीम कौशाम्बी पहुंची. लेकिन वहां पर पता चला कि प्रशासन ने पिछले दिनों उसके घर को जमींदोज कर दिया था. अब सीबीआई कवि की संपत्तियों का पता लगा रही है. इस सिलसिले में सीबीआई टीम ने डीएम सुजीत कुमार से मुलाकात की. फिर मंझनपुर तहसील पहुंची. वहां एसडीएम प्रखर उत्तम से मुलाकात करने के बाद टीम ने करीब सवा घंटे तक तहसीलदार भूपाल सिंह से बातचीत की. तहसीलदार ने सीबीआई टीम की मदद के लिए एक लेखपाल की ड्यूटी लगाई है. लेखपाल के जरिए सीबीआई टीम कवि की संपत्तियों का पता लगाने के लिए अभिलेखों का सत्यापन करेगी.

25 जनवरी 2005 को विधायक राजू पाल की धूमनगंज में हत्या हुई थी. प्रदेश की इस बहुचर्चित घटना में माफिया अतीक अहमद, उसके भाई अशरफ सहित अन्य लोग आरोपी थे. इस मामले सीबीआई जांच के दौरान सरायअकिल थाना क्षेत्र के भखंदा गांव निवासी अब्दुल कवि का नाम सामने आया था. सीबीआई ने उसे भी आरोपी बनाया था. कवि पिछले 14 साल से फरार है. राजू पाल हत्याकांड के गवाह उमेश पाल की बीते 24 फरवरी को हुई हत्या के बाद पुलिस ने अब्दुल कवि की दोबारा सरगर्मी के साथ तलाश शुरू कर दी है. क्योंकि राजू पाल हत्याकांड की वादी और उनकी पत्नी रहीं सपा विधायक पूजा पाल ने सीएम को लिखे पत्र में कहा है कि उमेश पाल हत्याकांड में शूटर कवि भी शामिल था. उन्होंने अपनी हत्या की भी आशंका जताई है. हाल ही में कौशाम्बी जिला प्रशासन ने अब्दुल कवि का भखंदा स्थित घर जमींदोज कर दिया था. प्रशासन की कार्रवाई के बाद दूसरे दिन अधिवक्ताओं ने जिला मुख्यालय में इसके विरोध में हंगामा भी किया था. अब्दुल कवि का एक भाई अधिवक्ता है, इसीलिए वकीलों ने कार्रवाई के विरोध में लामबंदी दिखाई थी. सीबीआई टीम फिलहाल अब्दुल कवि की संपत्तियों के बारे में जानकारी हासिल कर रही है.

टीम कई पत्रावलियों का बंडल लेकर तहसील पहुंची थी. तहसील में अभिलेखों की जांच करने के बाद सीबीआई टीम तहसीलदार की ओर से नियुक्त लेखपाल अजीत कुमार को लेकर कई जगहों पर गई. बाद में टीम ने एक बार फिर डीएम मुलाकात की.

अब्दुल कवि के नाम पर संपत्ति है या नहीं, फंसा पेंच

सीबीआई टीम पता लगा रही है कि अब्दुल कवि के नाम पर कितनी संपत्ति है. वहीं लोगों के बीच चर्चा है कि अब्दुल कवि के नाम की कोई संपत्ति नहीं है. अब्दुल कवि के पिता अब्दुल गनी का दावा है कि वह उसको दस साल पहले अपनी संपत्ति से बेदखल कर चुके हैं. बाकायदा रजिस्टर्ड तरीके से. हकीकत क्या है, इसकी गहराई में जाने की तैयारी सीबीआई ने शुरू कर दी है.

फरार कवि पर 25 हजार रुपये का इनाम

कौशाम्बी पुलिस ने फरार अब्दुल कवि पर 25 हजार का इनाम घोषित कर दिया है. पुलिस ने उसे राजू पाल मर्डर केस के अलावा उसके घर से मिले असलहों के मुकदमों में वांछित किया है. एसपी कौशाम्बी बृजेश श्रीवास्तव ने बताया कि अब्दुल कवि पर 25 हजार का इनाम है. उस पर इनाम की राशि बढ़ाने के लिए प्रस्ताव भेजा गया है. उसकी तलाश में पुलिस टीमें लगी है.

सीबीआई की भनक से परेशान रहे बालू कारोबारी

सीबीआई अवैध बालू खनन की भी जांच कर रही है. टीम के आने की भनक लगते ही बालू कारोबारियों के होश उड़ गए. जिन-जिन कारोबारी अथवा बालू माफियाओं को बुलाकर सीबीआई ने वीवीआईपी गेस्ट हाउस में पूछताछ की थी, वह पूरी तरह से परेशान रहे. उनको यही लगता रहा कि बालू के ही संबंध में सीबीआई ने दोबारा दस्तक दी है. वह अपने सूत्रों के जरिए सीबीआई की गतिविधियों की टोह लेने का प्रयास करते रहे.

पहले सीबीआई ने की थी मुनादी

माफिया अतीक अहमद के फरार शातिर शूटर अब्दुल कवि को गिरफ्तार न कर पाने पर सीबीआई ने विधिक कार्रवाई शुरू की. कोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने अब्दुल कवि के घर पर मुनादी की कार्रवाई की थी. उसके घर पर सीआरपीसी की धारा 82 के तहत नोटिस चस्पा किया था. इसके बाद अब कुर्की के लिए सीबीआई पहुंची. घर जमींदोज हो चुका है इसलिए अब सीबीआई कवि की चल और अचल संपत्तियों का पता लगा रही है ताकि उसे कुर्क किया जा सके.

फरार आरोपी अब्दुल कवि की संपत्तियों की जानकारी लेने के लिए सीबीआई की टीम आई थी. एक लेखपाल की ड्यूटी टीम के साथ लगा दी गई है ताकि राजस्व रिकार्ड देखने में उन्हें कोई दिक्कत न हो.

-भूपाल सिंह, तहसीलदार मंझनपुर

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