भाजपा को छोड़ अन्य दल बदल रहे प्रत्याशी

नए चेहरों संग नया चुनाव, धुरंधर गायब

Update: 2024-03-28 05:12 GMT

मेरठ: लोकसभा चुनाव में किस्मत आजमाने वाले मेरठ के कई दिग्गज धीरे-धीरे चुनाव मैदान से बाहर होते जा रहे हैं. मेरठ-हापुड़ लोकसभा सीट पर पुराने कई दिग्गज सिरे से गायब हैं. बसपा, सपा ने नए चेहरों पर दांव लगाया है. भाजपा के प्रत्याशी को लेकर ऊहापोह की स्थिति है कि पुराने चेहरे को हरी झंडी मिलेगी या नए चेहरे पर पार्टी दांव लगाएगी. मेरठ-हापुड़ लोकसभा सीट से कई चुनावों में लगातार चुनाव के धुरंधर नेताओं ने किस्मत आजमाई. मेरठ के दिग्गज नेताओं में शाहिद अखलाक, हाजी याकूब कुरैशी, शाहिद मंजूर, मलूक नागर, केसी त्यागी, फिल्म अभिनेत्री नगमा, हरेंद्र अग्रवाल, योगेश वर्मा भी शामिल रहे. राजेंद्र अग्रवाल मेरठ-हापुड़ सीट से चुनाव लड़े और वह 09, 14 और 19 में लगातार सांसद बने और संसद पहुंचे.

04 के चुनाव में बसपा के टिकट पर मेयर रहते हुए शाहिद अखलाक चुनाव लड़े और जीतकर संसद पहुंचे थे. इस चुनाव में रालोद से मलूक नागर, जदयू से केसी त्यागी, कांग्रेस से केके शर्मा चुनाव मैदान में थे. 09 के चुनाव में भाजपा से राजेंद्र अग्रवाल चुनाव जीतकर संसद पहुंचे. उनके सामने बसपा से मलूक नागर, सपा से शाहिद मंजूर, निर्दलीय तौर पर शाहिद अखलाक और निर्दलीय प्रत्याशी दारा सिंह प्रजापति चुनाव मैदान में थे.

14 के चुनाव में भी भाजपा से राजेंद्र अग्रवाल संसद पहुंचे.

पिछले लोकसभा चुनावों में लगातार मैदान में उतरने वाले कई महारथी अब धीरे-धीरे चुनाव से गायब होने लगे. भाजपा को छोड़कर अन्य दल लगातार अपने प्रत्याशी बदल रहे हैं. 24 में सपा ने भानु प्रताप सिंह एडवोकेट को और बसपा ने देवव्रत त्यागी को अपना प्रत्याशी बनाया है. दोनों ही दलों ने नए चेहरे पर दांव लगाया. हाजी याकूब कुरैशी और हाजी शाहिद अखलाक का परिवार चुनाव परिदृश्य से बाहर है. हालांकि राशिद अखलाक की चुनाव लड़ने की तैयारी थी, लेकिन बसपा ने इस बार नए चेहरे पर भरोसा जताया है. हाजी याकूब कुरैशी परिवार पर विभिन्न मुकदमों की जांच ने उन्हें राजनीति से दूर कर दिया.

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