प्रतापगढ़ न्यूज़: पंचायत भवन की अभी तक दीवारें भी नहीं बन सकी हैं लेकिन अफसरों ने एक लाख 57 हजार रुपये टाइल्स लगाने के लिए चयनित फर्म के बैंक खाते में ट्रांसफर कर दिया. हास्यास्पद बात यह कि इससे पहले चयनित फर्म निर्माण के नाम पर साढ़े सात लाख रुपये लेकर एक वर्ष पहले फरार हो गई थी. इसके बाद भी अफसर मनमाने रवैये पर कायम हैं.
विकास खंड बाबागंज की ग्राम पंचायत रघुवर में पंचायत भवन निर्माण के लिए शासन ने 15 लाख सात हजार रुपये स्वीकृत कर ग्राम पंचायत के खाते में ट्रांसफर कर दिया. डेढ़ वर्ष पूर्व पंचायत भवन का निर्माण करने के लिए अफसरों ने मंगलम इंटरप्राइजेज का चयन कर उसके खाते में साढ़े सात लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए. फर्म संचालक ने पंचायत भवन की नींव भराई और छह-छह फिट की दीवारें बनाकर फरार हो गया. इसके बाद से निर्माण अधूरा पड़ा है. कुछ दिन पूर्व इसका निर्माण पूरा करने के लिए ग्राम प्रधान व अफसरों ने नई फर्म जय गुरुदेव ट्रेडर्स को नामित कर दिया. इसके कुछ दिन बाद ही फर्म के बैंक खाते में टाइल्स किट के नाम पर एक लाख 57 हजार रुपये ट्रांसफर कर बंदरबांट कर लिया गया. खुलासा होने पर अफसर इसके लिए एक दूसरे को जिम्मेदार बता रहे हैं. अब सवाल यह है कि जब पंचायत का निर्माण ही अधूरा है तो टाइल्स कहां लगाई जाएगी.
सेक्रेटरी व टेक्नीशियन की मिलीभगत से खेल:
बीडीओ अरुण कुमार की मानें तो ग्राम पंचायत रघुवर के अधूरे पंचायत भवन में टाइल्स लगाने के लिए निकाली गई धनराशि में सेक्रेटरी व टेक्नीशियन जिम्मेदार हैं. यदि गलत तरीके से धनराशि निकाली गई है तो इसके लिए जिम्मेदार बख्शे नहीं जाएंगे.
रघुवर ग्राम पंचायत के पंचायत भवन निर्माण के लिए पहले नामित फर्म के खिलाफ कार्रवाई चल ही है. अधूरे भवन में टाइल्स लगाने के लिए निकाली गई धनराशि की जांच कर कार्रवाई की जाएगी.
-अरुण कुमार, बीडीओ बाबागंज