मेरठ: चोरी के एक मामले में पीड़ित से चार लाख रुपये रिश्वत लेने वाले दारोगा गुलाब सिंह को जुडीशियल मजिस्ट्रेट ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। इस दारोगा को पीड़ित की शिकायत पर एंटी करप्शन ने ट्रैप किया था। वहीं दारोगा के जेल जाते ही कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने आरोपी दारोगा को नौकरी से बर्खास्त कर दिया है। एंटी करप्शन यूनिट को सूचना मिली थी कि थाना इकोटेक वन में तैनात दारोगा गुलाब सिंह चोरी के एक मामले की विवेचना कर रहा है।
दारोगा ने गुलाब ग्रेटर नोएडा में रहने वाले रिटायर्ड इंडियन नेवी के कमांडर राजीव सरदाना से 15 लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी। कमांडर ने भ्रष्टाचार निवारण से शिकायत कर दी थी। इससे पहले दारोगा चार लाख रुपये रिश्वत लेने पर राजी हो गया था। कमांडर की शिकायत के आधार पर एंटी करप्शन यूनिट ने अपना जाल बिछाया और पीड़ित को चार लाख रुपये लेकर दारोगा के पास भेजा।
दारोगा गुलाब सिंह ग्रेटर नोएडा में एलजी गोल चक्कर के पास स्थित रोहन मोटर्स के सामने शिकायतकर्ता से मिला। जैसे ही उसने रिश्वत के रुपये पकड़े वैसे ही एंटी करप्शन की टीम ने उसे रंगे हाथों धरदबोचा। पकड़ा गया दारोगा गुलाब सिंह 2019 बैच का सब इंस्पेक्टर है और अंडर ट्रेनी थाना इकोटेक एक में तैनात है। दारोगा गुलाब सिंह गौतमबुद्घ विश्वविद्यालय (जीबीयू) कैंपस में रह रहा था।
कोर्ट के बाहर लोग यह कहते सुने जा रहे थे कि यह तो हद ही हो गई। अभी तो इस दारोगा की ट्रेनिंग भी पूरी नहीं हुई थी और अभी से रिश्वत के नाम पर डकैती ही डालनी शुरू कर दी थी। चौथे शनिवार को अवकाश होने के कारण डयूटी मजिस्ट्रेट के रुप में बैठे जुडीशियल मजिस्ट्रेट तीन की कोर्ट में आरोपी दारोगा को पेश किया गया। जहां से उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। दारोगा का कहना था कि उसे साजिश के तहत फंसाया गया है।