मथुरा न्यूज़: कृष्णभक्त महाकवि सूरदास की तपोस्थली चंद्रसरोवर पर स्थापित की जा रही ब्रज भाषा एकेडमी इस वर्ष सितंबर माह में पड़ने वाली जन्माष्टमी पर प्रारंभ हो जाएगी. इस एकेडमी के माध्यम से ब्रज भाषा पर शोध, व्याख्या, टीकाएं और नवीन सृजन हो सकेंगे. मुख्यत ब्रज भाषा के स्वर्णिम अतीत से लोगों को परिचितकराया जाएगा.
गोवर्धन के पारासौली स्थित चंद्रसरोवर पर सूरदास ने करीब 76 वर्ष तक तपस्या और कृष्ण भक्ति काव्य सृजन किया था. यहीं पर वल्लभाचार्य और विट्ठलनाथ ने भी निवास किया था, जिनके चार-चार शिष्यों को अष्टछाप के कवि कहा गया. इन्हीं में से सूरदास भी एक थे. चंद्रसरोवर पर भारत सरकार की प्रसाद योजना के तहत करीब डेढ़ करोड़ रुपये की रकम से ब्रज भाषा एकेडमी की स्थापना कराई जा रही है.
इस बजट से तैयार भवन में एकेडमी, इंटरप्रिटेशन सेंटर, लाइब्रेरी, सेमिनार के लिए भवन के अलावा डायरेक्टर का कार्यालय होगा. यहां तैयार कराए जा रहे इंटरप्रिटेशन सेंटर में सूरदास की जीवन-चरित पर आधारित आधे घंटे की फिल्म प्रदर्शित होगी, जिससे लोग महाकवि सूरदास के बारे में रोचक तरीके से जानकारी हासिल कर सकें. इस परियोजना का कार्य अब अपने अंतिम चरण में है और जल्द ही पूरा होने वाला है. उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद प्लान ब्रज भाषा एकेडमी को जन्माष्टमी पर प्रारंभ करने का है.
ब्रज भाषा के स्वर्णिम अतीत को याद दिलाने वाली ब्रज भाषा एकेडमी को जन्माष्टमी पर शुरु करने का प्रयास है. ब्रज भाषा संबंधित शोध के लिए यह सबसे बेहतर जगह होगी.
-नागेंद्र प्रताप, सीईओ उप्र ब्रज तीर्थ विकास परिषद
भाषा विभाग करेगा संचालन
ब्रज तीर्थ विकास परिषद के के अधिकारियों के मुताबिक डेढ़ करोड़ की लागत से तैयार कराई जा रही ब्रज भाषा एकेडमी का संचालन भाषा विभाग, उप्र लखनऊ करेगा. उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद इस परियोजना को तैयार करेगा और काम पूरा होने के बाद हैंडओवर करेगा. हैंडओवर के बाद भाषा विभाग की ओर से ही डायरेक्टर और शेष स्टाफ की नियुक्ति होगी.