हेराफेरी करने वाली फर्म को किया गया ब्लैक लिस्ट

Update: 2022-12-09 12:33 GMT

बरेली: उत्तर प्रदेश के बरेली में राशन माफियाओं द्वारा सरकारी खाद्यान्न की कालाबाजारी और हेराफेरी का मामला सामने आया है। सरकारी खाद्यान में हेराफेरी की दोषी पायी गई साईं ट्रांसपोर्ट गोरखपुर फर्म को खाद्य विभाग ने ब्लैक लिस्टेड कर दिया है। जमानत राशि ज़ब्त कर उसके सभी भुगतान रोक दिए गए हैं। साथ ही इसका कार्य अन्य फर्म को तत्काल प्रभाव से आवंटित कर दिया गया है। अधिकृत सूत्रों ने शुक्रवार को बताया कि आरोप है गेहूं में पानी मिला कर वजन बढ़ाया जाता था। पिछले दिनों ठेकेदार फर्म के लोगों को गेहूं में पानी मिलाते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया था और सरकारी अनाज की कालाबाजारी करने की भी पुष्टि हुई थी। इसके बाद जिला खाद्य अधिकारी नीरज सिंह की संस्तुति पर जिलाधिकारी शिवाकांत द्विवेदी ने आवश्यक खाद्य व वस्तु अधिनियम के तहत थाना सीबीगंज में मुकदमा दर्ज कराया था।

इस पर संभागीय खाद्य नियंत्रक जोगिंदर सिंह ने सख्त कदम उतार उठाते हुए साईं ट्रांसपोर्ट फर्म गोरखपुर को काली सूची में डाल दिया है। बरेली मंडल में उसके द्वारा संचालित पांच ठेकों को भी निरस्त कर दिया। साथ ही खाद्य आयुक्त को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि प्रदेश में जहां भी इस फर्म द्वारा कार्य किया जा रहा हो वहां तत्काल ठेका निरस्त कर दिया जाए।

उल्लेखनीय है कि विभागीय नियमानुसार जो ठेकेदार फर्म सरकारी खाद्यान्न में कालाबाजारी या हेराफेरी करने में दोषी पाई जाती है, उस फर्म को प्रदेश भर में जहां भी काम होंगे वहां ब्लैक लिस्ट किया जाता है। बताया जाता है कि साईं ट्रांसपोर्ट गोरखपुर द्वारा प्रदेश भर में 20 स्थानों पर खाद्य विभाग में काम चल रहा है।

सूत्रों ने बताया कि सरकारी गोदाम से गेहूं राशन दुकानों तक पहुंचाने के बीच में ही राशन माफिया और परिवहन ठेकेदार फर्म के लोग गेहूं बोरों पर पानी छिड़काव कर बजन बना देते थे इससे गेहूं का वजन बढ़ जाता था। वजन बढ़ने पर अतिरिक्त गेहूं राशन माफियाओं के हाथ में पहुंच जाता था। इस तरह सरकारी गेहूं कालाबाजारी में पहुंच जाता है।

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