मुरादाबाद न्यूज़: जिले में दालों का स्टाक कर कालाबाजारी की जा रही है. पिछले बीस-पच्चीस दिनों से दालों के दामों में उछाल इसी वजह से आया है. अरहर की दाल में बेतहाशा वृद्धि हुई है. उड़द की दाल के दामों में भी इजाफा हुआ है. दालों का स्टाक करने की वजह से ही कृत्रिम महंगाई से जनता परेशान है.
थोक और खुदरा व्यापारी दोनों ने दालों की कीमत बढ़ा दी हैं. बीस दिन में तीस रुपये प्रति किलो तक का अंतर दालों के भाव में देखने को सामने आया है. खाद्य विपणन, मंडी समेत जिम्मेदार विभागों के अधिकारी इस ओर शिकंजा कसें तो हकीकत सामने आ जाए. जिला प्रशासन भी इस कृतिम महंगाई पर अंकुश नहीं लगा पा रहा है. लगातार दाल के दामों में इजाफा देखने को मिल रहा है. दालों पर महंगाई का असर मध्यम वर्ग पर सबसे ज्यादा है. सूत्र बताते हैं कि कई अढ़तिए दालों का स्टाक कर रहे हैं. सस्ती दाल का स्टाक कर उसे महंगे दामों में बेचने की फिराक में हैं. बीस दिन पहले जिन्होंने स्टाक किया उन्हें भी अच्छा खासा फायदा हुआ है. अरहर की जो दाल एक महीने पहले 115 रुपये किलो मिल रही थी उसकी कीमत अब 160 से पार हो चुकी है.
इसी तरह सौ रुपए प्रति किलो बिकने वाले उड़द में भी 25 रुपये तक तेजी देखने में आई है. दालों की नई फसल आने के बाद भी कीमत कम च होने से लोग परेशान हैं. अमूमन फसल के बाद दालें सस्ती हो जाती हैं पर यहां अवैध स्टाक के चलते दाल के दामों में कृतिम महंगाई देखने में आ रही है. यह ठीक उसी तरह है जैसे गेहूं की जमाखोरी की गई. उसके बाद में जिले की सीमा से बाहर भेजा गया. तब खाद्य विपणन विभाग ने छापेमारी कर कई स्थानों पर गेहूं पकड़ा था पर अभी विभागीय अधिकारी चुप्पी साधे हैं.