BJP के वोट 'कोको' ले गई, नहीं मिलेगा डिक्शनरी में राकेश टिकैत के मुंह से निकला शब्द, जानिए क्या है मतलब

पश्चिमी यूपी की 58 सीटों पर हुए मतदान के बाद जहां लोग वोटिंग ट्रेंड के मायने तलाशने में जुटे हुए हैं तो वहीं प्रदेश और देश के दूसरे हिस्से के लोग 'कोको' शब्द का अर्थ तलाश रहे हैं।

Update: 2022-02-11 05:10 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। पश्चिमी यूपी की 58 सीटों पर हुए मतदान के बाद जहां लोग वोटिंग ट्रेंड के मायने तलाशने में जुटे हुए हैं तो वहीं प्रदेश और देश के दूसरे हिस्से के लोग 'कोको' शब्द का अर्थ तलाश रहे हैं। भारतीय किसान यूनियन के नेता और किसान आंदोलन का चेहरा रहे राकेश टिकैत की ओर से गुरुवार को इस्तेमाल किए गए इस शब्द की खासी चर्चा हो रही है। राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के प्रमुख जयंत चौधरी ने भी ट्वीट किया कि लोग 'कोको' शब्द का मतलब डिक्शनरी में तलाश रहे हैं।

वोट डालकर बूथ से निकले राकेश टिकैत ने एक टीवी चैनल से बातचीत के दौरान कहा, ''हम तो वोट डालकर आए। अपनी एक वोट का इस्तेमाल किया। लेकिन बहुत वोट यहां की, बीजेपी वालों की 'कोको' ले जाती देखी।'' यह सुनते ही आसपास खड़े लोग हंस पड़ते हैं। सोशल मीडिया पर भी इस शब्द की खूब चर्चा होने लगी। लोग एक दूसरे से पूछने लगे। रालोद चीफ जयंत चौधरी ने भी ट्वीट किया, ''लोग डिक्शनरी में कोको का मतलब ढूंढ़ रहे हैं!''
क्या है कोको का मतलब?
दरअसल 'कोको' बाज की एक छोटी नस्ल होती है। यह बेहद फुर्तीली होती है। पश्चिमी यूपी में अक्सर बच्चों को ठगने के लिए इस शब्द का इस्तेमाल किया जाता है। मसलन, दादा-दादी या किसी बड़े को जब बच्चों के हाथ से कोई चीज लेनी होती है तो पीछे छिपाकर कह दिया जाता है कि 'कोको' ले गया। बच्चे आसमान की ओर देखने लगते हैं और तब तक सामान को जेब में रख लेते हैं।
क्या है टिकैत का संदेश?
दरअसल, टिकैत का संदेश यह था कि किसानों की नाराजगी की वजह से बीजेपी के वोट इस बार उससे छिटक गए हैं और विपक्षी दलों के खेमे में चले गए। एक साल से अधिक समय तक कृषि कानूनों के खिलाफ चले आंदोलन की वजह से किसान कथित तौर पर बीजेपी से नाराज बताए जाते हैं। राकेश टिकैत ने भले ही खुलकर सपा-रालोद गठबंधन के समर्थन से बचते रहे, लेकिन वह बीजेपी के खिलाफ वोट डालने की बार-बार अपील करते दिखे।
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