LUCKNOW लखनऊ: उत्तर प्रदेश में 2019 में सड़क चौड़ीकरण के लिए जिस व्यक्ति का घर गिराया गया था, उसे मुआवजा देने के सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का स्वागत करते हुए समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने बुधवार को राज्य सरकार पर “बुलडोजर का दुरुपयोग” करने का आरोप लगाया। विपक्षी दलों ने कहा कि अधिकारी खुद को “सरकार की नजरों में लाने” के लिए इस तरह की कार्रवाई कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश के अधिकारियों पर उनके “अत्यधिक” रवैये के लिए कड़ी फटकार लगाते हुए शीर्ष अदालत ने उन्हें उस व्यक्ति को 25 लाख रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया है, जिसका घर गिराया गया था।
मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ सहित तीन न्यायाधीशों की पीठ ने यूपी के मुख्य सचिव को महाराजगंज जिले में अवैध तोड़फोड़ की जांच करने को कहा। पीठ ने टिप्पणी की, “आप बुलडोजर लेकर नहीं आ सकते और रातोंरात घर नहीं गिरा सकते।” अदालत के आदेश पर प्रतिक्रिया देते हुए समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता सर्वेंद्र बिक्रम सिंह ने कहा, “बुलडोजर चलाने की यह प्रथा बंद होनी चाहिए। लोग अपना घर बनाने के लिए पूरी जिंदगी कमाते और बचाते हैं और इसे मनमाने तरीके से गिराना अपराध है। स्थानीय स्तर पर भाजपा नेताओं द्वारा सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग कर अपना बदला चुकाने के लिए बुलडोजर का इस्तेमाल किया जाता है। सिंह ने पीटीआई-भाषा से कहा कि अधिकारी सरकार की नजरों में आने के लिए आम आदमी के खिलाफ बुलडोजर का दुरुपयोग कर रहे हैं।
उन्होंने महाराजगंज जिले में मकान ढहाने में शामिल अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा, ऐसे अधिकारियों के मकानों के नक्शे भी जांचे जाने चाहिए और उनके खिलाफ भी इसी तरह की कार्रवाई होनी चाहिए। कांग्रेस ने भी अदालत के फैसले का स्वागत किया और कहा कि आम लोग यूपी सरकार की बुलडोजर राजनीति से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। कांग्रेस प्रवक्ता मनीष हिंदवी ने कहा, अधिकारियों द्वारा बुलडोजर लेकर मकान ढहाना एक फैशन बन गया है। यह केवल सरकार को खुश करने के लिए किया जाता है। जब आप किसी का मकान ढहाते हैं तो आप एक परिवार के सपने भी ढहाते हैं। इस तरह की तोड़फोड़ को आपराधिक करार देते हुए उन्होंने कहा कि इसके लिए जिम्मेदार लोगों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए। हिंदवी ने कहा कि यह अवैध और गैरकानूनी गतिविधि तुरंत बंद होनी चाहिए।